Satyendar Jain: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येन्द्र जैन को चिकित्सा आधार पर दी गई अंतरिम जमानत की अवधि 1 सितंबर तक बढ़ा दी। जैन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मई 2022 में गिरफ्तार किया था, लेकिन उन्हें चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दे दी गई थी।

जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ जैन की उस याचिका पर विचार कर रही थी जिसमें पिछले साल उन्हें जमानत देने से इनकार करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई थी। हालांकि, एएसजी ने यह तर्क देते हुए सत्येंद्र जैन की अंतरिम जमानत के विस्तार का विरोध किया,लेकिन कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सत्येंद्र जैन को पहले दी चिकित्सा जमानत 1 सितंबर तक बढ़ा दी गई है। जैन की जमानत अर्जी पर अब अगली सुनवाई 1 सितंबर को होगी।

जैन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि रीढ़ की हड्डी के ऑपरेशन के बाद वो रिकवरी के दौर से गुजर रहे हैं। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सत्येंद्र जैन की अंतरिम जमानत के बढ़ाने का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि कृपया सत्येंद्र जैन को सरेंडर करने के लिए कहें। उनके साथ एक सामान्य कैदी की तरह व्यवहार किया जाना चाहिए।

राजू ने कहा कि मेडिकल जमानत का मामला नहीं है। एक दिन के लिए भी अंतरिम जमानत बढ़ाना कहीं से भी उचित नहीं है। एएसजी ने इस बात पर भी जोर दिया कि एम्स द्वारा स्वतंत्र जांच के आवेदन पर विचार किया जाए।

बीते 26 मई सुप्रीम कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को 6 हफ्ते की अंतरिम जमानत देते हुए कहा था कि वह निजी अस्पताल में इलाज करवा सकते हैं। इस दौरान कोर्ट ने उनके सामने कई शर्ते रखीं थी। उन्हें यह हिदायत दी गई थी कि जेल से बाहर रहते हुए वो मीडिया से किसी तरह की बातचीत नहीं करेंगे। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि जेल से बाहर रहते हुए पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश न करें। सत्येंद्र जैन इस दौरान मीडिया में कोई बयान न दें साथ ही वो देश छोड़कर नहीं जा सकते। 31 मई, 2022 को सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार किया गया था। तब से उनके गिरते स्वास्थ्य को लेकर लगातार जानकारी सामने आती रही है।