Ayodhya Ram Mandir-Babri Masjid Case Verdict: अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। मुस्लिम पक्ष ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के प्रति असंतोष व्यक्त किया है। जफरयाब जिलानी के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कमाल फारुकी ने भी नाखुशी जाहिर की है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अयोध्या में ही पांच एकड़ जमीन दिए जाने के आदेश पर भी टिप्पणी की है।
‘सौ एकड़ जमीन भी दे तो कोई फायदा नहीं’: कमाल फारुकी ने कहा, ‘इसके बदले हमें 100 एकड़ जमीन भी दे तो कोई फायदा नहीं है। हमारी 67 एकड़ जमीन पहले ही अधिग्रहित की हुई है तो हमको दान में क्या दे रहे हैं वो? हमारी 67 एकड़ जमीन लेने के बाद पांच एकड़ दे रहे हैं। ये कहां का इंसाफ है?’
जिलानी ने दिया था ये बयानः फारुकी से पहले सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने भी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था, ‘हम फैसले से संतुष्ट नहीं है। हम फैसले के कानूनी पक्षों का अध्ययन करने के बाद दूसरे वकीलों से भी मशविरा करेंगे। यह इंसाफ नहीं है लेकिन हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं और देश की जनता से शांति की अपील करते हैं। इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे लेकिन किसी प्रकार का प्रदर्शन नहीं होना चाहिए।’
PM मोदी बोले- इसमें किसी की हार या जीत नहींः इनके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दे दिया है, इसे हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उनके अलावा मध्यस्थता पैनल में शामिल रहे आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर, इकबाल अंसारी, रणदीप सुरजेवाला ने भी प्रतिक्रिया दी है।