सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक वकील ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने का प्रयास किया था। हालांकि, शख्स को सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत अदालत कक्ष से बाहर निकाल दिया था। वहीं, सीजेआई ने अधिकारियों और अदालत कक्ष में मौजूद सुरक्षाकर्मियों से इसे नजरअंदाज करने और राकेश किशोर नामक दोषी वकील को चेतावनी देकर छोड़ देने को कहा। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब अदालत के अंदर या बाहर किसी जज पर अटैक हुआ है। आइए पहले भी हुए कुछ ऐसे मामलों पर नजर डालते हैं।
सितंबर 2025 में पुलिस ने बताया कि मध्य प्रदेश के रीवा ज़िले के एक कार्यरत जज को 500 करोड़ रुपये की फिरौती का एक नोट मिला, जिसमें उन्हें धमकी दी गई थी कि अगर वह ज़िंदा रहना चाहते हैं तो उन्हें यह रकम चुकानी होगी। पुलिस ने बताया कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से स्पीड पोस्ट के ज़रिए भेजा गया यह धमकी भरा पत्र रीवा के एक सिविल जज की अदालत में पहुंचा। बताया जा रहा है कि यह पत्र कथित तौर पर एक 74 वर्षीय सेवानिवृत्त स्कूल शिक्षक ने अपने एक रिश्तेदार को फंसाने के इरादे से भेजा था।
रिटायर्ड टीचर ने महिला जज को दी धमकी
अप्रैल 2025 में एक सेवानिवृत्त सरकारी स्कूल शिक्षक ने अपने वकील के साथ मिलकर दिल्ली की एक अदालत में एक महिला जज को धमकी दी। टीचर ने 6 साल पुराने चेक बाउंस मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद जज को धमकाया और गालियां दीं। सेवानिवृत्त शिक्षिक ने 2 अप्रैल को न्यायाधीश शिवांगी मंगला से कहा, “तू है क्या चीज, तू बाहर मिल, देखते हैं कैसे जिंदा घर जाती है।”
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वकील ने महिला न्यायाधीश के खिलाफ की अश्लील टिप्पणी
अक्टूबर 2015 में एक वकील ने दिल्ली की एक महिला न्यायाधीश के खिलाफ कथित तौर पर अश्लील टिप्पणी की। जज ने एक मामले की सुनवाई के दौरान वकील पर गंदी और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और पुलिस ने उसकी शिकायत पर उसके खिलाफ एफ़आईआर दर्ज की। सूत्रों ने बताया कि यह घटना तब हुई जब वकील शराब पीकर गाड़ी चलाने के एक मामले में वाहन जब्त करने के मामले में मजिस्ट्रेट के सामने पेश हुए और उसे रिहा करने की याचिका दायर की।
मार्च 2009 में एक वादी ने शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश अरिजीत पसायत पर चप्पल फेंकी और चार अन्य लोगों ने उस पीठ के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसके समक्ष उनके मामले की सुनवाई हो रही थी।
सीजेआई गवई पर अदालत में जूता फेंकने की कोशिश
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुबह के सत्र के दौरान शख्स ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने का प्रयास किया था। व्यक्ति को सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत अदालत कक्ष से बाहर निकाल दिया था। जिसके बाद बार काउंसिल ने इस मामले में आरोपी वकील राकेश किशोर को सोमवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। वहीं, सीजेआई ने अदालत के अधिकारियों और अदालत कक्ष में मौजूद सुरक्षाकर्मियों से इसे नजरअंदाज करने और राकेश किशोर नामक दोषी वकील को चेतावनी देकर छोड़ देने को कहा।
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