भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना (CJI SANJIV KHANNA) ने मंगलवार को अपने रिटायरमेंट के मौके पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि वे रिटायरमेंट के बाद कोई आधिकारिक कार्यभार स्वीकार नहीं करने जा रहे हैं, लेकिन वे कानून के क्षेत्र में अपनी पारी जारी रखेंगे। औपचारिक बेंच कार्यवाही के खत्म होने के बाद संजीव खन्ना ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में पत्रकारों से मुलाकात की।
मैं रिटायरमेंट के बाद कोई पद स्वीकार नहीं करूंगा- संजीव खन्ना
इस दौरान संजीव खन्ना ने कहा, “मैं रिटायरमेंट के बाद कोई पद स्वीकार नहीं करूंगा। शायद कानून के साथ कुछ करूंगा। मैं तीसरी पारी खेलूंगा और कानून से संबंधित कुछ करूंगा।” हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा से जुड़े कैश विवाद से संबंधित एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “न्यायिक सोच निर्णायक और निर्णयात्मक होनी चाहिए। हम सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं को देखते हैं और मुद्दे पर निर्णय लेते हैं, फिर तर्कसंगत रूप से विभिन्न कारणों पर विचार करते हैं जो हमें सही निर्णय लेने में मदद करते हैं।”
बता दें कि सीजेआई खन्ना ने एक मीडिया रिपोर्ट के बाद कैश विवाद से निपटा, जिसके बाद उन्हें कई कदम उठाने पड़े। इसमें दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय द्वारा प्रारंभिक जांच, दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस वर्मा से न्यायिक कार्य छीन लिया जाना और बाद में उन्हें न्यायिक कार्य के बिना इलाहाबाद हाई कोर्ट में ट्रांसफर करना शामिल है।
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आंतरिक जांच पैनल द्वारा जस्टिस वर्मा को दोषी ठहराए जाने के बाद सीजेआई खन्ना ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा। बाद में न्यायमूर्ति वर्मा द्वारा इस्तीफा देने से इनकार करने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को CJI ने पत्र लिखा। 10 मई को सीजेआई द्वारा मनोनीत जस्टिस बीआर गवई ने भी रिटायरमेंट के बाद कोई भी पद संभालने से इनकार कर दिया है।
जस्टिस गवई के बारे में बोले संजीव खन्ना
अपने उत्तराधिकारी जस्टिस गवई के बारे में संजीव खन्ना ने कहा कि जस्टिस बीआर गवई एक उत्कृष्ट मुख्य न्यायाधीश होंगे जो कोर्ट की गरिमा, मौलिक अधिकारों और कानून के बुनियादी सिद्धांतों को बनाए रखेंगे। अपने कार्यकाल के आखिरी दिन सीजेआई खन्ना के साथ जस्टिस बीआर गवई भी बेंच में बैठे थे।