सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने शुक्रवार को कहा कि न्यायपालिका को मजबूत करने के लिए न्यायिक रिक्तियों को भरना आवश्यक है। बता दें कि सीजेआई ने 15 अप्रैल को तेलंगाना में राज्य न्यायिक अधिकारी सम्मेलन के दौरान यह बातें कहीं। उन्होनें कहा, “हमें न्यायपालिका को मजबूत करने के लिए न्यायपालिका के बुनियादी ढांचे और रिक्तियों को भरना होगा, क्योंकि न्याय तक पहुंच तभी संभव होगी जब अदालतें और बुनियादी सुविधाएं पर्याप्त संख्या में उपलब्ध होंगी।”

न्यायिक अधिकारियों के सम्मेलन में सीजेआई ने अदालतों में लंबित मामलों पर चिंता जताते हुए कहा कि लंबित केस न्यायपालिका की सबसे बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की सेवा प्रदान करने वाले किसी भी संगठन की कुशलता का मूल्यांकन उसके द्वारा हासिल किये गये लक्ष्यों में उसकी प्रभावशीलता को लेकर होना चाहिए।

तेलंगाना स्टेट ज्युडिशियल कॉन्फ्रेंस 2022 को संबोधित करते हुए जस्टिस रमना ने कहा कि हमारी न्यायपालिका पर अत्यधिक बोझ है और मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। लोग जब न्याय के लिए अदालत जाते है तो उनके मन में सवाल रहता है कि एक केस को सुलझाने में कितने साल लगेंगे?

न्याय पाने में होने वाली देरी पर चिंता व्यक्त करते हुए सीजेआई ने कहा कि जितना संभव हो, उतने जजों के खाली पद को भरना चाहिए। मैं नहीं चाहता कि जिला अदालत, हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में एक भी जज का पद खाली रहे। हमारे देश में निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का अधिकार मिला है। ऐसे में किसी केस में अंतिम फैसला कब तक आ पाएगा, यह कहना कठिन है।

उन्होंने कहा कि रिक्तियां भरी जाएंगी तभी लोगों को न्याय मिल सकेगा। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं इन मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर हल करने की पूरी कोशिश कर रहा हूं।” उन्होंने कहा कि भारतीय न्यायपालिका की सबसे बड़ी ताकत संस्था में लोगों का विश्वास है। न्यायपालिका का हिस्सा होने के नाते प्राथमिकता के साथ जिम्मेदारी है कि वादी संतुष्ट रहें।