सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि से सवाल किया कि उनकी मंजूरी के लिए भेजे गए कुछ बिल्स पर उन्होंने तब एक्ट क्यों किया जब मामला अदालत के पास पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच को हेड कर रहे CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने TN सरकार द्वारा दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह सवाल उठाया। इस याचिका में TN के राज्यपाल आर एन रवि पर विधायिका द्वारा उन्हें भेजे गए कुछ बिल्स पर कोई एक्शन नहीं लिए जाने का आरोप लगाया था।

न्यूज एजेंसी ‘भाषा’ द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई एक दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी। सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने इस फैक्ट पर गौर किया कि तमिलनाडु विधानसभा ने गवर्नर द्वारा लौटाए गए 10 विधेयकों को फिर से पारित किया है।

CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने राज्यपाल कार्यालय की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल (एजी) आर वेंकटरमणी की ओर से सुनवाई टालने के आग्रह को मान लिया। बेंच ने कहा, “पहले हम विधेयकों (पुन: पारित) पर राज्यपाल के निर्णय का इंतजार करते हैं।”

‘क्या राज्यपाल के कार्यालय को सौंपे गए संवैधानिक कार्यों के निर्वहन में देरी हुई’

विधेयकों को मंजूरी देने में देरी पर गौर करते हुए पीठ ने कहा कि मुद्दा यह है कि क्या राज्यपाल के कार्यालय को सौंपे गए संवैधानिक कार्यों के निर्वहन में देरी हुई है। इस पर एजी ने अदालत के समक्ष कहा कि वर्तमान राज्यपाल ने 18 नवंबर, 2021 को कार्यभार संभाला था और देरी के लिए राज्यपाल को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि कई विधेयकों में कई ‘जटिल मुद्दे’ अंतर्निहित होते हैं। (इनपुट- भाषा)