UP News: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के बेटे और महासचिव अरविंद राजभर ने अपने ऊपर हमले का आरोप लगाया है। अरविंद राजभर जिले के पडरौना कोतवाली के ग्रामसभा चिरहियावा में एक हत्याकांड में मृतक के परिवारों से शोक संवेदना व्यक्त करने गए थे। अरविंद राजभर के मुताबिक, पीड़ित परिवार से मिलकर निकलते समय सैकड़ों लोगों ने उनकी गाड़ी को घेर लिया और उन्हें गलियां दीं साथ ही गाड़ी को क्षतिग्रस्त कर दिया।

सुभासपा के पदाधिकारियों ने अरविंद राजभर की सुरक्षा में भारी चूक आरोप लगाया। पदाधिकारियों ने कहा कि अरविंद की गाड़ी को चारों तरफ से घेर कर आग लगाने की कोशिश की गई। घटना को लेकर अरविंद राजभर ने एक वीडियो संदेश जारी किया। राजभर ने अपने वीडियो में कहा कि उन्होंने घटना को लेकर पुलिस को बार- बार सूचित किया, लेकिन उसके बाद भी सुरक्षा-व्यवस्था का इंतजाम नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि स्थानीय ग्राम प्रधान के साथ दो सौ से तीन सौ लोगों की भीड़ ने उनकी गाड़ी को घेरकर ईंट पत्थर फेंके और गाड़ियों को बुरी तरह से तोड़ दिया।

अरविंद राजभर ने जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि वो जिले के पडरौना कोतवाली के चिरहियवा थाना क्षेत्र के एक गांव में विश्वनाथ राजभर के परिवार से मिलकर उन्हें सांत्वाना देने गए थे, जिनकी गांव के ही चार लोगों ने हत्या कर दी थी।

पूर्व मंत्री के मुताबिक, जब वो पीड़ित परिवार से मिलकर लौट रहे थे, उसी दौरान रास्ते में साजिश के तहत ग्राम प्रधान की अगुवाई में दो सौ से तीन सौ लोगों की भीड़ ने घेर लिया। उन्होंने बताया कि विश्वनाथ राजभर हत्या मामले में ग्राम प्रधान भी आरोपी हैं, हालांकि पता नहीं कैसे वो जेल से बाहर हैं। राजभर ने कहा कि उनकी गाड़ी को बुरी तरह से तोड़ दिया गया।

अरविंद राजभर ने कहा कि 35 से 40 मिनट तक सुरक्षा कर्मियों की कड़ी मशक्कत के बाद वे बाहर निकलने में कामयाब रहे। अरविंद राजभर ने आरोप लगाया कि भीड़ में कई ऐसे लोग थे, जो कुछ भी कर सकते थे। राजभर ने आगे कहा कि वो किसी तरह जान बचाकर वहां से निकले।

इस पूरे मामले को लेकर सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी राजभर ने प्रदेश के प्रमुख गृह सचिव संजय प्रसाद और डीजीपी विजय कुमार से बात की है। साथ ही उन्हें पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया और जिले के पुलिस अधीक्षक की शिकायत की।