सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने बड़ा बयान दिया है। गुरुवार को राजभर ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) को विपक्ष के प्रधान मंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में सामान्य वर्ग और पिछड़े वर्गों के प्रधान मंत्री रहे हैं लेकिन कोई दलित पीएम नहीं रहा है। राजभर ने अपने पूर्व सहयोगी और समाजवादी पार्टी (SP) प्रमुख अखिलेश यादव पर भाजपा की गुप्त रूप से मदद करने का भी आरोप लगाया और उनसे पूछा कि वह बसपा, कांग्रेस या एसबीएसपी जैसी पार्टियों के साथ दूसरा मोर्चा क्यों नहीं बना रहे हैं?
गाजीपुर जिले के जहूराबाद के विधायक ओपी राजभर ने गुरुवार को द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “सामान्य वर्ग के लोग पीएम रहे हैं और अब एक पिछड़े समुदाय का व्यक्ति पीएम पद संभाल रहा है। फिर विपक्ष किसी दलित चेहरे को सामने क्यों नहीं रखता? एक ऐसा समुदाय जिसका कभी कोई पीएम ही नहीं रहा? मायावती से बड़ा कोई दलित चेहरा नहीं है। उन्हें या तो नीतीश कुमार को पीएम चेहरे के रूप में घोषित करना चाहिए या उन्हें दूसरा मोर्चा बनाना चाहिए।”
मायावती द्वारा विपक्षी नेताओं से मिलने से इनकार करने और अकेले चुनाव लड़ने की जिद के बारे में पूछे जाने पर ओपी राजभर ने कहा, “उन सभी को मायावती के पास जाना चाहिए और कहना चाहिए कि हम आपको पीएम उम्मीदवार के रूप में चाहते हैं। अगर ये नेता इस प्रस्ताव के साथ चले गए तो कौन सा नेता ना कहेगा? विपक्षी नेताओं द्वारा इसका प्रस्ताव क्यों नहीं दिया जा रहा है?”
ओपी राजभर ने आरोप लगाया कि अखिलेश पिछले दरवाजे से भाजपा की मदद कर रहे हैं क्योंकि वह केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से डरते हैं। उन्होंने कहा, “अखिलेश यादव ने घोषणा की है कि वह अन्य नेताओं के साथ तीसरे मोर्चे के गठन पर काम कर रहे हैं। वह दूसरे मोर्चे के लिए काम क्यों नहीं करते? उन्हें भाजपा से आमने-सामने की लड़ाई के लिए मोर्चा बनाना चाहिए। यदि आप तीन नेताओं-ममता बनर्जी, केसीआर (तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव) और अरविंद केजरीवाल का उल्लेख करते हैं- तो ये तीन नेता अखिलेश के लिए यूपी में कितने वोट जुटा सकते हैं? वह तीसरा मोर्चा बना रहे हैं क्योंकि पिछले दरवाजे से भाजपा को सरकार बनाने में मदद करना चाहते हैं।”
ओपी राजभर की SBSP उस गठबंधन का हिस्सा थी, जिसे सपा ने राज्य के चुनावों के लिए बनाया था। हालांकि चुनावों के तुरंत बाद रिश्ते में कड़वाहट आने के बाद दोनों पार्टियां अलग हो गईं। SBSP छह विधानसभा सीटें जीतने में कामयाब रही। राजभर ने यह भी कहा, “उन्हें (अखिलेश यादव) राहुल गांधी और सोनिया गांधी से मिलने जाना चाहिए और मायावती से भी मिलना चाहिए। इन नेताओं को पीएम उम्मीदवार की भी घोषणा करनी चाहिए। मैं राहुल जी और अखिलेश जी के बयान देख रहा हूं। सपा प्रमुख कह रहे हैं कि वह बसपा, कांग्रेस या अन्य दलों के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। इसका मतलब है कि वह बीजेपी को वॉकओवर देने के लिए तीसरा मोर्चा बना रहे हैं। पूरा देश जानता है कि दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर जाता है।”