गीताप्रेस गोरखुपर को ‘गांधी शांति सम्मान’ की घोषणा होते ही आफत आ गई। गीता प्रेस ने कहा कि हम सम्मान लेंगे, राशि नहीं… विपक्ष आक्रामक कि कहां गांधी, कहां गीता प्रेस? एक ने पूछा कि शांति के लिए गीता प्रेस ने क्या किया? जवाब आया कि गीता प्रेस ने गीता छापी, हिंदू धर्मग्रंंथ छापे, घर-घर पहुंचाई। इससे क्यों परेशान…?
फिर एक दिन की खबर कि कर्नाटक सरकार ने ‘धर्मांतरण विरोधी कानून’ और पाठ्यक्रम से सावरकर के पाठ को हटाने का एलान किया और हिंदुत्ववादियों की ‘हाय हाय’ आमंत्रित की कि तुष्टीकरण मुर्दाबाद, कि कांग्रेस नई ‘मुसलिम लीग’ है।…
फिर एक दिन खबर कि नेहरू संग्रहालय का नाम प्रधनमंत्री संग्रहालय होगा। फिर विपक्ष की हाय हाय कि देखो तो ये कितनी टुच्ची हरकत है… जिनका खुद इतिहास नहीं, वे क्या इतिहास मिटाएंगे… तो जवाब आया कि भारत में अब तक कई पीएम हुए हैं, तब सिर्फ नेहरू क्यों, जनता सबका इतिहास क्यों न जाने?
एक दिन एक चैनल ने लाइन लगाई- ‘चौबीस का ब्रहमास्त्र: यूसीसी’ यानी 2024 चुनाव के दौर में ‘समान नागरिक संहिता’ का एजंडा! सारे चैनलों पर ‘यूसीसी’ चर्चा कि इसका मतलब एक देश एक कानून करना है: पर्सनल ला खत्म, तलाक समान, महिला संपत्ति अधिकार समान, गोद लेना, बंटवारा समान। पूजा, रीति-रिवाज सबके अपने-अपने रहेंगे… कुछ चैनल भी जले पर नमक छिड़कने से बाज नहीं आते। आए दिन ‘सबसे लोकप्रिय नेता कौन’ बताते रहते हैं। मोदी सबसे लोकप्रिय… आते ही विपक्ष पिल पड़ता है कि महंगाई, बेरोजगारी की बात क्यों नहीं करते? यानी कि चैनल वह करें जो विपक्ष चाहे।
फिर एक खबर आती है कि उत्तराखंड सरकार समान नागरिक संहिता लागू करेगी। एक चर्चक संकेत देता है कि यही शायद केंद्र के ‘यूसीसी’ का आधार बने। एक चैनल सर्वे भी दे डालता है कि क्या चौबीस से पहले सरकार ‘यूसीसी’ लाएगी और पैंतालीस फीसद फौरन कह देते हैं कि ‘हां’! एक निंदक उवाच कि नौ साल से चुप क्यों थे। चुनाव के वक्त ही क्यों? दो मुसलिम नेता बोले कि यह नहीं चलेगा। दूसरे कई मुसलिम नेता बोले- स्वागत है स्वागत है!
इस बीच बंगाल चुनाव में हिंसा होती रही। आगजनी दिखती रही। नेता कहते रहे कि केंद्रीय बल भेजो। बंगाल सरकार अदालत में, कि किस लिए, लेकिन अदालत ने कहा कि बल जरूरी।… एक एंकर ने लाइन लगाई कि यह है बंगाल के लोकतंत्र का माडल!
फिर एक दिन चैनलों में अमेरिका मोदीमय और यात्रा का ऐसा गजब का असर कि हर चैनल पर अमेरिका अमेरिका और मोदी मोदी।… मोदी से मिलकर एलन मस्क मुग्ध भाव से कह देते हैं ‘मैं मोदी का प्रशंसक…’ और कि ‘मुल्कों के कानूनों के अनुसार ही ट्विटर को काम करना है… और एक एंकर ‘जैक डोर्सी’ की क्रांतिकारिता और लटयनों की खिसियाहट को जम के ठोकता है। हर रिपोर्टर हलकान कि कोई दृश्य छूट न जाए… मोदी आ रहे हैं।
हजारों इंतजार कर रहे हैं। मोदी मोदी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री अमेरिका के दूसरी बार राजकीय अतिथि बने हैं। यह दुर्लभ है। बाइडन का पारिवारिक भोज है। उपहार हैं। संसद में भाषण है। सीधा प्रसारण है। भारत लोकतंत्र की जननी है। हमारे डीएनए में लोकतंत्र है… भारत पांचवीं अर्थव्यवस्था है। तीसरी बनने जा रहा है। सर्वोपरि ‘समोसा काकस’ जिंदाबाद! बार-बार तालियां। सारा हाल खड़े होकर कई बार तालियां बजाता है। जीई कंपनी जेट तकनीक देगी। युद्धक ड्रोन खरीदेंगे। चैनल की लाइन: चीन डरा पाक मरा… कई विशेषज्ञ इसे कूटनीति की ‘टाइटेनिक शिफ्ट’ कहते हैं।
इस बीच एक तमिल नेता पर ईडी छापे की खबर आती है। दृश्य में वह लेटा हुआ, बिलखता हुआ नजर आता है। तमिल सरकार इसे बदले की कार्रवाई कहती है… फिर एक दिन खबर आती है कि तमिल भाजपा के महासचिव अंदर कर दिए गए, फिर वे जमानत पर बाहर आ गए। हमें तो लगता है कि इन दिनों राजनीति में ‘न्यूटन’ का ‘सिद्धांत’ काम कर रहा है। हर बात पर ‘एक्शन का रिएक्शन’ होता दिखता है!
कि, एक दिन फिल्म ‘आदिपुरुष’ को लेकर कुछ हिंदू समूह ही आपत्ति करने लगते हैं और एक सिनेमाघर में आकर फिल्म का प्रदर्शन रोक देते हैं। चैनल आपत्तिजनक संवाद दिखाने लगते हैं। जिनसे रामायण धारावाहिक के राम जी हनुमान जी की आदर्श छवि बिगड़ती लगती है। कुछ संवाद भी एकदम टपोरी छाप हैं। संवाद लेखक कहता है कि यह रामायण नहीं, उससे प्रेरित कहानी है और यह नई पीढ़ी के लिए है, लेकिन जब विरोध बढ़ता है तो कहने लगता है कि वह संवाद बदल देगा, लेकिन तब तक ‘आदिपुरुष’ की शुरुआती कमाई ढेर हो चुकी होती है!
इस बीच गुजरात के जूनागढ़ में एक अवैध दरगाह हटाने की बात की जाती है, तो दंगा भड़क जाता है। मौलाना तौकीर फौरन चुनौती देते हैं कि मुसलमानों ने चूड़ियां नहीं पहनी हैं। सच! इन दिनों शांतिमार्च नहीं निकलते, सीधे चुनौतियां निकलती हैं!
फिर, पटना का विपक्ष मिलन और हर नेता के अनमोल वचन कि मिल के लड़ना है।
फासीवाद को हराना है। लोकतंत्र बचाना है। संविधान बचाना है। जो बोलता है उसके पीछे ईडी, सीबीआइ लगा देते हैं।… फिर आए अपने लालू जी अपनी फार्म में और एक एक वाक्य उद्धरणीय कि मैं फिट हूं, अब मोदी जी को भी फिट कर देना है। राहुल शादी करें, हम सब बाराती होंगे। सच, जैसा दूल्हा वैसी बारात।…