बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी को अब राम मंदिर के निर्माण को लेकर तारीख घोषणा कर देनी चाहिए। स्वामी ने शुक्रवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के भाषण के बाद अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट कर यह बात कही। स्वामी ने ट्वीट में लिखा, ”भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में अमित शाह ने कमोबेश वही कहा जो मैंने कई बार स्पष्ट रूप से कहा: रामजन्मभूमि को वीएचपी को सौंपें और संविधान के अनुच्छेद 300 ए के तहत टाइटल होल्डर को मुआवजा दें। बीजेपी को अब तारीख घोषित करनी होगी।” बता दें कि शुक्रवार (11 जनवरी) को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में भारतीय जनता पार्टी का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन शुरू हुआ है। शुक्रवार को अमित शाह ने तमाम मुद्दों के साथ राम मंदिर को लेकर भी पार्टी की राय रखी। अमित शाह ने कहा, ”भाजपा जल्द से जल्द राम मंदिर का निर्माण चाहती है। हम कोशिश कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट में मामले पर फैसला आए लेकिन कांग्रेस यहां भी अवरोध पैदा करने की कोशिश कर रही है।”
बता दें कि पिछले दिनों समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक विशेष साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के सवाल पर कहा था कि सरकार अध्यादेश लाकर राम मंदिर का निर्माण नहीं कराएगी। उन्होंने अदालत के फैसले का इंतजार करने को कहा था। उसके बाद तमाम हिंदूवादी संगठनों की ओर से उनकी काफी किरकिरी हुई थी। हिंदूवादी संगठन सरकार से अध्यादेश लाकर मंदिर का निर्माण कराने की मांग कर रहे हैें।
Amit Shah more or less said in the BJP National Convention what I explicitly said many times: Hand over Ramjanmabhoomi to VHP and pay compensation to the Title Holder under Article 300A of the Constitution. BJP must now declare the date
— Subramanian Swamy (@Swamy39) January 11, 2019
पिछले वर्ष राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी सरकार से राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की मांग की थी। वहीं, पीएम मोदी के इंटरव्यू के बाद संघ की ओर से कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट में मामला अनंतकाल तक चलेगा। बता दें कि राम मंदिर को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में लगभग नौ साल से अटका है। पिछले वर्ष मामले में कुछ तेजी आती दिखी लेकिन अब तक अदालत किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। गुरुवार (10 जनवरी) को शीर्ष अदालत में पांच जजों की संविधान पीठ के समक्ष सुनवाई होनी थी लेकिन मुस्लिम पक्षकार राजीव धवन और कुछ पक्षकारों के द्वारा पीठ को लेकर सवाल उठाए जाने पर जस्टिस यूयू ललित ने खुद को बेंच से अलग कर लिया था। अब मामले पर 29 जनवरी को सुनवाई होगी।