विदेश मामलों को लेकर सुब्रमण्यम स्वामी मोदी सरकार के रवैये से नाखुश नजर आ रहे हैं, उन्होंने अपनी नाराजगी एक बार सार्वजनिक मंच पर जाहिर की है। बीजेपी सांसद ने ट्विटर के माध्यम से पूछा कि आखिर हम किस तरह की नीति का पालन कर रहे हैं। चीनी सेना द्वारा भारतीय भूमि के कब्जे पर या चीन के सैनिकों के भारत में दाखिल होने पर सवाल पूछे जाने पर जवाब नहीं दिया जाता है, क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है? तालिबान का मामला उठाते हुए स्वामी ने कहा कि दोहा और कतर में NSA अजित डोभाल के कुछ पसंदीदा लोग बैठे हैं, जो लगातार उन्हें ‘चिंता की कोई बात नहीं’ का आश्वासन दे रहे हैं।

बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी लगातार चीनी सेना के भारत में दाखिल होने का दावा कर रहे हैं। स्वामी खुले तौर पर चीन के प्रति भारत के रवैये को नाकाफी बता चुके हैं। उनका दावा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर भारत सरकार इस बात को छिपा रही है कि चीनी सेना ने कितनी भारतीय जमीन पर कब्जा कर लिया है।

इस बार स्वामी के निशाने पर पीएम मोदी के साथ साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी नजर आए। डोभाल को अफगानिस्तान मामलों का एक्सपर्ट माना जाता है। उन्होंने पाकिस्तान में कई दिनों तक रह कर काम किया है साथ ही खाड़ी देशों में उनका अच्छा नेटवर्क माना जाता है। स्वामी ने कहा कि भारत अफगानिस्तान को लेकर बेहद निश्चिंत है क्योंकि डोभाल के सूत्र उन्हें सब ठीक होने का दावा कर रहे हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अफगानिस्तान के बड़े भूभाग पर तालिबानी लड़ाकों ने कब्जा कर लिया है। कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पाकिस्तान भी तालिबान की मदद कर रहा है। ऐसे में भारत का सतर्क रहना लाजमी है।

यह पहला मौका नहीं है जब सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार की विदेश नीतियों की खुलकर आलोचना की हो। चीन के साथ बिगड़ते संबंधों से लेकर अमेरिका की दोस्ती तक की आलोचना कर चुके हैं। हालांकि बीजेपी नेताओं की तरफ से उनकी किसी भी राय पर प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिलती है।

सुब्रमण्यम स्वामी सोशल मीडिया के जरिए अपनी ही सरकार पर अक्सर सवाल खड़े करते रहे हैं। विदेश नीति के अलावा आर्थिक मोर्चे पर विफलताओं के लिए भी वह प्रधानमंत्री व उनकी टीम पर उंगली उठाने से गुरेज नहीं करते हैं।