भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उस बयान की कड़ी आलोचना की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि भारत पर हमला करने का चीन का कोई इरादा नहीं है और केवल भारतीय भूभाग पर कभी-कभार चीनी सेना अभ्यास के लिए आया करेगी। उन्होंने एक ट्वीट करके पूछा कि क्या पुतिन की नजर में भारत एक धर्मशाला है। इसके बाद फिर हमें सुनने को मिलेगा कि “कोई आया नहीं।”
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “पुतिन ने मास्को में भारतीय प्रतिनिधियों को फिर से आश्वासन दिया है कि चीन का भारत पर हमला करने का कोई इरादा नहीं है। भारतीय क्षेत्र में सिर्फ ‘यहां और वहां’, चीनी सेना ‘अभ्यास’ के लिए आएगी। क्या पुतिन की नजर में भारत धर्मशाला है? क्या हम फिर से ‘कोई आया नहीं’ सुनने जा रहे हैं।”
इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच बुधवार को सेना के कमांडरों का आह्वान किया कि सेना की परिचालन की तैयारी हमेशा उच्च स्तर की होनी चाहिए। सेना के कमांडरों के शीर्ष स्तरीय द्विवार्षिक कार्यक्रम के अंतर्गत उनके सम्मेलन में सिंह ने देश के सबसे भरोसेमंद और प्रेरक संगठनों में से एक भारतीय सेना के प्रति अरबों नागरिकों के विश्वास को दोहराया। सोमवार से शुरू हुए पांच दिन के सम्मेलन का आयोजन यहां 11 नवंबर तक किया जाएगा।
इसमें कमांडर चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों की व्यापक समीक्षा कर रहे हैं तथा इसमें वर्तमान सुरक्षा तंत्र के लिए चुनौतियों के सभी पहलुओं पर व्यापक विचार-विमर्श किया जा रहा है। इसमें 13 लाख अधिकारियों और जवानों वाली सेना के कौशल को बढ़ाने के तरीकों पर मंथन हो रहा है।
रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन इमरजेंसी के लिए तैयार रहने का किया आह्वान
सम्मेलन के तीसरे दिन का मुख्य आकर्षण रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का सेना के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ बातचीत करना रहा, जिससे पहले भारतीय सेना की ‘‘भविष्य के लिए तैयार बल के रूप में परिवर्तन की आवश्यकता’’ पर जानकारी प्रदान की गयी। रक्षा मंत्री ने सुरक्षा और राष्ट्रीय संप्रभुता सुनिश्चित करने के लिए एक उच्च परिचालन तत्परता बनाए रखने के लिहाज से भारतीय सेना की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें भारतीय सेना और उसके नेतृत्व पर पूर्ण विश्वास और भरोसा है। सिंह ने कहा कि सेना को किसी भी ऑपरेशन इमरजेंसी के लिए तैयार रहना चाहिए और इसलिए परिचालन की तैयारी हमेशा अपने उच्च स्तर पर होनी चाहिए।