ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता असदुद्दीन ओवैसी और भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी के साथ इंडिया टूडे के एक कॉनक्लेव में दोनों नेता एंकर राहुल कंवल के सवालों का जवाब देने के बजाए वे एक दूसरे से ही सवाल पूछने लगे। इस दौरान
सुब्रमण्यम स्वामी ने ओवैसी से पूछ लिया था कि “जब सारी दुनिया के लोग मानते हैं कि मस्जिद को तोड़ा जा सकता है, शिफ्ट किया जा सकता है तो यहां पर ये बाबरी मस्जिद को लेकर क्यों अड़े हैं?”

इस पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “जो पहला एफआईआर दर्ज हुआ था बाबरी मस्जिद में मूर्तियां रखने के लिए, उसे देख लीजिए। आप तो केस देख रहे हैं। दूसरी बात आप हिंदुस्तान की बात करिए, आप अरबिस्तान की बात क्यों करते हैं।” उन्होंने कहा, “यहां लोकतंत्र है। फंक्शनल डेमोक्रेसी है। आप ईरान, पाकिस्तान, सउदी अरब से हिंदुस्तान की तुलना नहीं करिए।” बोले कि जब सउदी अरब की बात आ गई तो बताइए कि “आपके दोस्त और आपके फेवरेट मिस्टर मोदी को सउदी अरब ने हाईएस्ट सिविलियन एवार्ड दिया। आप इस पर क्या कहेंगे? आप क्या बोलेंगे उस पर, बोलिए।”

इस पर भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि इसके माने है कि दुनिया मोदी को मानती है, बस आप नहीं मानते हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बिल्कुल! बोले “अगर हिंदुस्तान की 99 फीसदी जनता भी कहे कि मोदी अच्छे हैं और एक भी फीसदी व्यक्ति कहे कि नहीं हैं तो वह एक फीसदी मैं हूं। मैं नहीं मानूंगा।”

कॉनक्लेव में कई मुद्दों पर सवाल उठे। ओवैसी ने कहा कि अगर स्वामी आज देश के वित्त मंत्री होते तो महंगाई इतनी नहीं होती। इस पर स्वामी ने कहा कि हां ऐसा होता। एंकर राहुल कंवल ने पूछा कि तब क्या अरुण जेटली से बेहतर वित्तमंत्री स्वामी जी होते। इस पर स्वामी ने कहा कि “जाहिर है, मैं बेहतर होता, मैं अर्थशास्त्री हूं, वह वकील हैं।”

कॉनक्लेव में पाकिस्तान के बलूचिस्तान से लेकर अमेरिका तक के मुद्दों पर सवाल पूछे गए। इस दौरान एक बार स्वामी ने यह भी कहा कि देशभक्ति अलग चीज है और राष्ट्रवाद अलग है। दोनों को एक नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि “ओवैसी देशद्रोही नहीं हैं, लेकिन गैरराष्ट्रवादी जरूर हैं।”