इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आमंत्रित किए गए भाजपा के विवादास्पद सांसद योगी आदित्यनाथ को शुक्रवार को इलाहाबाद में प्रवेश लेने से रोक दिया गया। अधिकारियों का दावा है कि इस समारोह के लिए अनुमति नहीं ली गई थी। गोरखपुर के इस तेजतर्रार सांसद को इलाहाबाद से सटे मिर्जापुर के विंध्याचल में रोका गया। उस समय वह कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए जा रहे थे। योगी को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किए जाने पर विवाद उठ खड़ा हुआ था। कई छात्र संगठनों ने उन्हें बुलाए जाने का विरोध किया है।

मिर्जापुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अरविंद सेन ने बताया कि जिला प्रशासन को इलाहाबाद के डीएम की ओर से एक पत्र मिला है, जिसमें आदित्यनाथ को इलाहाबाद पहुंचने से रोकने के लिए कहा गया है क्योंकि आपराधिक दंड संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू है। एसएसपी ने कहा कि यदि सांसद आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

इलाहाबाद के जिला मजिस्ट्रेट संजय कुमार और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के एस इमानुएल ने कहा कि आदित्यनाथ को ‘सलाह’ दी गई है कि वह जिले में प्रवेश न करें और यदि वह इसका पालन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ ‘कानूनी कार्रवाई’ हो सकती है। उन्होंने कहा कि छात्र संघ ने आयोजन के लिए अनुमति नहीं ली है और विश्वविद्यालय से कहा गया है कि वह इसे न होने दे।

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डीएम और एसएसपी ने गुरुवार देर रात संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘छात्र संघ ने अपना कार्यक्रम आयोजित करने से पहले प्रशासन से जरूरी अनुमति नहीं ली थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि हमने गतिविधियों पर गौर किया है और विश्वविद्यालय के अधिकारियों और छात्र संघ के नेताओं को निर्देश दिया है कि वे कोई भी अनाधिकृत आयोजन न करें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा माननीय सांसद (योगी आदित्यनाथ) को भी जिला प्रशासन के फैसले के बारे में सूचित कर दिया गया है।’’ अधिकारियों ने कहा, ‘‘उन्हें जिले में प्रवेश न करने की सलाह दी गई है। यदि वह ऐसा करते हैं तो कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।’’

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उन्होंने कहा कि सुरक्षात्मक उपाय के तहत जिले की सीमाओं पर पर्याप्त संख्या में बलों की तैनाती की गई है। इसी बीच, भाजपा सांसद के दौरे के विरोध करती रहीं छात्र संघ की अध्यक्षा रिचा सिंह ने गुरुवार रात से भूख हड़ताल शुरू कर दी। वह विश्वविद्यालय से कार्यक्रम रद्द करने की मांग कर रही हैं। वह भाजपा की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा लगाए गए पोस्टरों पर अन्य पदाधिकारियों के साथ अपना नाम छापे जाने को लेकर नाराज हैं।

रिचा ऐसी पहली महिला हैं, जो स्वतंत्रता के बाद छात्र संघ अध्यक्ष के रूप में चुनी गईं। इस साल हुए छात्र संघ चुनाव में वह स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लड़ी थीं और समाजवादी छात्र सभा के समर्थन से जीत गई थीं। समाजवादी पार्टी की छात्र इकाई समाजवादी छात्र सभा के आधिकारिक उम्मीदवार के नामांकन पत्र जांच के दौरान खारिज कर दिए गए थे।

अध्यक्ष पद के अलावा सभी अन्य महत्वपूर्ण पद एबीवीपी के पास ही हैं। योगी आदित्यनाथ को निमंत्रण भेजे जाने के मुद्दे पर कई छात्र संगठनों ने सवाल उठाए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने परिसर की मौजूदा स्थितियों को देखते हुए एक दिन के लिए कक्षाओं को निलंबित कर दिया है।

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