Stubble Burning, UP Farmers: फसल के अवशेष यानी पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किये जाने पर किसान संगठनों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि सैटेलाइट के जरिये काश्तकारों की पराली दहन पर नजर रखने वाली सरकार इसी तरह की मुस्तैदी फसल बीमा योजना का लाभ देने में क्यों नहीं दिखाती। भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ नेता गौरव टिकैत ने कहा कि सरकार वायु प्रदूषण का सारा ठीकरा किसानों पर फोड़ते हुए पराली जलाने पर उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज कर रही है, जुर्माना वसूल कर रही है। यह देश के अन्नदाता किसानों पर जुल्म है।

सरकार पर साधा निशाना: गौरव टिकैत ने कहा कि सरकार इस उत्पीड़न के लिये सैटेलाइट तकनीक का सहारा ले रही है। कौन किसान पराली जला रहा है, इसका पता सैटेलाइट से लगाया जा रहा है। मगर, जब किसी प्राकृतिक आपदा से फसलों को नुकसान होता है तो उसका अंदाजा लगाने के लिये सैटेलाइट का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा रहा है। टिकैत ने पराली जलाने के आरोप में लाखों किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग करते हुए बताया कि किसान यूनियन आगामी 21 दिसंबर को किसानों के इस उत्पीड़न के खिलाफ पूरे देश में ‘किसान हल क्रांति’ आंदोलन करेगी। इसके तहत पूरे देश में जिला मुख्यालय पर किसान अपने हल तथा अन्य कृषि उपकरण लेकर प्रदर्शन करेंगे।

पराली को लेकर बवाल: मालूम हो कि प्रदेश सरकार ने पराली जलाए जाने पर ढाई हजार से लेकर 15 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाए जाने का और दोबारा ऐसा करने पर प्राथमिकी दर्ज कराए जाने का प्रावधान किया है। इसके अनुपालन में अब तक प्रदेश में बड़ी संख्या में किसानों से जुर्माना वसूला गया है और मुकदमे दर्ज किये गये हैं। पराली जलाने की प्रथा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों सूबे के 26 जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों से पराली जलाने के मामले में नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था।

किसान नेता का बयान: इस बीच, राष्ट्रीय किसान मंच के चीफ शेखर दीक्षित ने कहा कि सरकार प्रदूषण के असल जिम्मेदार लोगों को नहीं पकड़ रही है। प्रदूषण केवल शहरों में ही होता है। दिल्ली जैसे महानगरों में वाहनों के जरिये रोजाना एक करोड़ लीटर पेट्रोल और डीजल के जलने, एअर कंडीशनर और जेनरेटर सेट चलने, बिजली संयंत्रों में उत्पादन और रबर, प्लास्टिक इत्यादि जलाने की गतिविधियां करीब 94 प्रतिशत प्रदूषण के लिये जिम्मेदार हैं। उन पर सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है जबकि किसानों को प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने पर यूपी में करीब एक हजार किसानों पर मुकदमा दर्ज हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में जिन किसानों को गिरफ्तार किया गया है उनमें से ज्यादातर को तो पता ही नहीं है कि उन्होंने कुछ गलत भी किया है।