निर्भय कुमार पांडेय

केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ देश के कई राज्यों से आए किसान सिंघू, टिकरी, गाजीपुर और चिल्ला बॉर्डर पर डटे हुए हैं। बीते दो दिनों से दिल्ली समेत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कड़ाके की ठंड भी पड़ रही है। तापमान में गिरावट और ओस पड़ने की वजह से किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

कुछ किसान संगठनों ने आंदोलन कर रहे किसानों की इस परेशानी को देखते हुए समाधान का प्रयास किया है। चिल्ला बॉर्डर पर बैठे किसानों को ओस और ठंड से बचाने के लिए वाटर प्रूफ तंबू की व्यवस्था की गई है। किसानों ने बताया कि चिल्ला बॉर्डर पर भी किसानों ने चंदा जमा कर ऐसे ही 20 तंबू खरीदे हैं। बीते दो दिनों से किसान तंबू में रात बिता रहे हैं। इस कारण उन्हें जहां एक ओर ठंड से राहत मिल रही है। वहीं, ओस से भी फौरी तौर पर राहत मिली है।

चिल्ला बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे भारतीय किसान यूनियन (भानू) के पदाधिकारी राजबीर मुखिया ने गुरुवार को बताया कि गौतमबुद्धनगर और अलीगढ़ के कई गांवों से आए किसान डटे हुए हैं। रात में भी काफी संख्या में किसान बॉर्डर पर लगाए गए तंबू में ही रात काटते थे, लेकिन बीते दो दिनों से सर्दी बढ़ गई है। इस कारण किसानों को मुश्किलें होने लगी थीं। किसानों की समस्या को देखते हुए संगठन के सदस्यों ने तंबू खरीदने का फैसला किया।

इसके तहत फिलहाल 20 तंबू खरीदे गए हैं। जरूरत के हिसाब से और खरीदे जाएंगे। उन्होंने बताया कि वैसे तो अलाव की व्यवस्था के साथ-साथ गद्दे और रजाई की व्यवस्था ठंड को देखते हुए पहले की गई थी, लेकिन ओस से बचाव नहीं हो पा रहा था। माना जा रहा है कि खास तरह के तंबू से ओस से भी काफी हद तक राहत मिलेगी। वहीं, तंबू में रात बिताने वाले किसान प्रेम सिंह ने बताया कि बीती रात ठंड का एहसास नहीं हुआ था।

मतभेद खत्म कर लौटे किसान
राजबीर मुखिया ने यह भी बताया कि बीते दिनों कुछ किसान नेता केंद्र सरकार से मिलने के लिए गए थे। उन्होंने लौटने के बाद चिल्ला बॉर्डर खोलने की बात कही। पर कुछ सदस्यों ने इसका विरोध किया। पर बेगराज गुर्जर समेत करीब 250 किसान फिर गुरुवार को आंदोलन में शामिल हो गए हैं। किसानों के बीच जो भी मतभेद हुआ था। वह पूरी तरह समाप्त हो चुका है। अब सभी लोग मिल कर आंदोलन को बल देंगे।

दिल्ली-नोएडा मार्ग खुला
चिल्ला बॉर्डर पर किसानों ने दिल्ली से नोएडा आने वाले मार्ग को खोल दिया है। हालांकि, नोएडा से दिल्ली जाने वाला मार्ग अब भी बंद है। किसानों ने बताया कि जब तक उनकी मांग नहीं मान ली जाती वह नोएडा से दिल्ली जाने वाले मार्ग पर डटे रहेंगे। वह किसी भी प्रकार से कोई उग्र आंदोलन नहीं करेंगे। केंद्र की भाजपा सरकार उनका धैर्य का परीक्षा ले रही है। किसान किसी के बहकावे में आने वाल नहीं हैं। उन्हें तीनों नए कानून की जानकारी है। सरकार को तीनों कानून वापस लेना होगा।