साल 2017 में हुए उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शानदार जीत हासिल की थी। भाजपा ने गोरखपुर के तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ को उत्तरपदेश का मुख्यमंत्री चुना था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के शपथग्रहण से पहले योगी आदित्यनाथ ने संसद में अपना आखिरी भाषण दिया था। अपने भाषण के दौरान योगी आदित्यनाथ ने अपने राजनीतिक जीवन की ऐसी कहानी सुनाई, जिसे सुनकर संसद में मौजूद सभी सदस्य ठहाके लगाकर हंसने लगे थे।

दरअसल योगी आदित्यनाथ भाषण के दौरान संसद के अपने शुरुआती दिनों का किस्सा साझा कर रहे थे। भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि जब मैं पहली बार इस सदन में चुनकर आया था, उस समय मेरी उम्र मात्र 26 वर्ष थी। तब मैं बहुत पतला था। खुद को पतला कहने पर लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने योगी आदित्यनाथ से कह दिया कि अभी भी आप कोई बहुत मोटे नहीं हुए हैं। सुमित्रा महाजन की इस बात को सुनकर सदन में मौजूद रहे अधिकांश सदस्य ठहाके लगाकर हंसने लगे ।

अपने भाषण के दौरान योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सपा नेता अखिलेश यादव का भी जिक्र किया था। दरअसल 2017 के चुनावों में भाजपा ने कांग्रेस और सपा की जोड़ी को करारी शिकस्त दी थी। इसी सन्दर्भ में योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण के दौरान कहा कि मैं आदरणीय राहुल जी से एक साल छोटा हूं और अखिलेश से एक साल बड़ा हूं। दोनों की जोड़ी के बीच में मैं जो आ गया, इसलिए ये विफलता का बड़ा कारण हो सकता है।

योगी आदित्यनाथ नेअपने भाषण के दौरान गोरखपुर से जुड़ा एक किस्सा भी साझा किया था। योगी ने भाषण देते हुए कहा था कि जब मैं सदन में पहली बार चुनकर आया, उस समय गोरखपुर की स्थिति ऐसी थी कि जब मैं केंद्रीय उर्वरक एवं रसायन मंत्री सुरजीत सिंह बरनाला के पास गोरखपुर खाद कारखाने के बारे में बात करने गया था, तो वह मुझे आधा घंटा घूरते रहे। थोड़ी देर के बाद उन्होंने मुझसे पूछा कि आप गोरखपुर से चुन कर आए हैं? उन्होंने मुझसे तीन बार लगातार यही सवाल किया कि क्या आप गोरखपुर से चुन कर आए हैं?

आगे जब मैंने उनसे इस सवाल को बार बार दोहराने का कारण पूछा तो सुरजीत सिंह बरनाला ने कहा कि एक बार मैं एक चुनावी सभा को सम्बोधित करने गोरखपुर गया था। सभा के दौरान ही वहां दोनों ओर से बम चलने लग गए, जिसके बाद मैं वहां से भागा और फिर कभी गोरखपुर नहीं गया। योगी ने आगे कहा कि गोरखपुर के बारे में ऐसी बातें सुनकर मुझे धक्का लगा कि हमारे शहर के बारे में लोग ऐसी बातें करते हैं। साथ ही योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण के दौरान यह भी कहा कि लेकिन मैं अब विश्वास के साथ कह सकता हूं कि 1998 में गोरखपुर के बारे में जो बातें सुनने को मिलती थीं, वो अब नहीं मिलती हैं।