राजनीतिक पार्टियों के नेता कभी कभी विरोधियों पर निशाना साधने के दौरान सामाजिक सीमाओं को लांघते हुए विवादित बयान दे डालते हैं। हाल के दिनों में तो विवादित बयानों की वजह से चुनाव आयोग ने कई नेताओं पर कार्रवाई भी की है। एकबार एनडीटीवी के एंकर और वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने भाजपा नेता अमित शाह का इंटरव्यू लेते हुए उनसे पूछ लिया था कि क्या कभी आपको अपनी पार्टी की किसी बयानबाजी पर अफ़सोस होता है। तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा था कि ये गेम का पार्ट है और एक तरह से रूटीन की बात हैं।
साल 2007 में गुजरात विधानसभा के चुनाव हुए थे। उस समय रवीश कुमार एनडीटीवी के नए नए रिपोर्टर बने थे। विधानसभा चुनाव के नतीजों के समय रवीश कुमार की ड्यूटी अमित शाह के घर पर लगाई गई थी। अमित शाह ने इंटरव्यू के दौरान यह दावा किया था कि भाजपा को तत्कालीन विधानसभा चुनाव में दो तिहाई सीटें आएगी। हालांकि नतीजे भी कमोबेश वैसे ही रहे थे।
2007 में लिए गए इंटरव्यू के दौरान रवीश कुमार ने अमित शाह ने सवाल पूछते हुए कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान अक्सर तनातनी हो जाती है, इसलिए आपको अपनी पार्टी की किसी भी बयानबाजी पर अफ़सोस है। इसपर अमित शाह ने जवाब देते हुए कहा कि यह एक तरफ से पार्ट ऑफ़ गेम है, दोनों तरफ से बयानबाजी होती है और यह एक रूटीन बात है।
रवीश कुमार के साथ इंटरव्यू के दौरान अमित शाह ने अपनी मां का आशीर्वाद भी लिया। जब रवीश कुमार ने अमित शाह से यह सवाल पूछा कि क्या जनता के बाद मां का आशीर्वाद जरूरी है. तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि मेरे लिए तो सबसे पहले मां का आशीर्वाद जरूरी है। इसके अलावा अमित शाह से जब चुनाव परिणाम को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमारे लिए पहले ही चुनाव परिणाम घोषित हो चुके हैं और हम शुरू से जनता के बीच में रहे हैं। गुजरात की जनता एक बार फिर से भाजपा को दो – तिहाई बहुमत से जीत दिला रही है।
हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद रवीश कुमार ने अमित शाह के साथ हुए इस इंटरव्यू का उल्लेख अपने शो प्राइम टाइम में भी किया था। रवीश कुमार ने इस इंटरव्यू पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था “न मैं बदला न अमित शाह। अमित शाह के इस जवाब से आप उनकी राजनीति की शैली को समझ सकते हैं। शायद प्रायश्चित की कोई जगह नहीं।”
इसके अलावा रवीश कुमार ने कार्यक्रम में अमित शाह से जुड़ा एक और किस्सा शेयर किया जब वो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हुआ करते थे। रवीश कुमार ने कहा कि अमित शाह को मैंने दिल्ली के विधानसभा चुनावों में 100-50 कार्यकर्ताओं को संबोधित करते देखा था। मुझे लगा था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष इतनी कम भीड़ देखकर लौट जाएंगे मगर अमित शाह ने दक्षिण दिल्ली के इलाके का अपना कार्यक्रम पूरा किया था। इसके अलावा रवीश कुमार ने अमित शाह को लेकर कहा कि एक राजनेता की जीवन यात्रा दिलचस्प होती है। वह कब किताब बन जाए और कब किताब का फुटनोट्स कोई नहीं जानता। जो नेता होता है वह फुटनोट्स में भी रहता है और किताब भी बन जाता है।