चितरंजन पार्क (Chittaranjan Park)…दिल्ली में ( दक्षिणी हिस्से में ) बसने वाला पश्चिम बंगाल या “मिनी बंगाल” कहा जाता है। मौजूदा समय में हम और आप भले ही इस इलाके को सीआर पार्क (C R Park) के नाम से भी जानते हों, पर कभी इसका नाम आधिकारिक तौर पर ईस्ट पाकिस्तान डिस्प्लेस्ड पर्सन्स कॉलोनी (East Pakistan Displaced Persons Colony : EPDP Colony) हुआ करता था। तब इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार के दखल से इसका नाम बदल दिया गया था। आइए जानते हैं पूरी कहानी:
दरअसल, 1971 के कुछ सालों बाद इस इलाके को नाम देने की चर्चा चली। विकल्पों के तौर पर कवि रविंद्रनाथ टैगोर, राष्ट्रीय क्रांतिकारी नेता जी सुभाष चंद्र बोस और स्वतंत्रता सेनानी बिपिन चंद्र पाल के नाम सामने आए। आखिरकार इस प्रतियोगिता में दो और नामों आगे आए, जो कि चित्तरंजन दास या ‘पूर्वाचल’ थे।
कई लोग तब चित्तरंजन दास के नाम के पक्ष में थे, जबकि कुछ क्षेत्र का नाम ‘पूर्वाचल’ चाहते थे। शुरुआती रहवासियों में से एक परितोष बंदोपाध्याय (82) के मुताबिक, पड़ोस के आधिकारिक नाम के रूप में ”पूर्वाचल” को बड़े पैमाने पर स्वीकार किया गया था।
हालांकि, कई ऐसे भी थे जो ‘पूर्वाचल’ नाम का विरोध कर रहे थे। कई निवासियों ने स्वतंत्रता सेनानी और प्रतिष्ठित वकील सी आर दास के नाम को प्राथमिकता दी, जिन्होंने अपने समय के दौरान कई राष्ट्रवादी क्रांतिकारियों का बचाव किया था, जिनमें अरबिंदो घोष भी शामिल थे। दास सुभाष चंद्र बोस के राजनीतिक गुरु और मोतीलाल नेहरू के करीबी सहयोगी होने के लिए भी जाने जाते थे।
इलाके के नाम का लोकतांत्रिक चुनाव करने के लिए ईपीडीपी एसोसिएशन ने एक जनमत संग्रह कराया, जिसमें ‘पूर्वाचल’ और ‘चितरंजन दास’ को वोट देने के लिए कहा। बंदोपाध्याय ने याद किया कि कैसे पूर्वाचल ने लोकप्रिय वोट जीता था। हालांकि, इंदिरा गांधी सरकार के राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण पड़ोस को अंततः यह नाम नहीं मिला।
बंदोपाध्याय ने बताया कि जो लोग ‘पूर्वाचल’ नाम के खिलाफ थे, उनमें पीसी रे थे। उन्होंने सरकार में शिक्षा विभाग के साथ मिलकर काम किया। बंदोपाध्याय आगे कहते हैं, “पीसी रे ने इंदिरा से संपर्क किया और उन्हें चित्तरंजन पार्क के नाम पर सहमत होने के लिए राजी किया।”
यह देखते हुए कि दास एक प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी थे, उन्हें इस नाम पर राजी करना कोई मुश्किल काम नहीं होता। बंदोपाध्याय ने कहा, “नतीजतन, रे और उनकी टीम ने खबर प्रसारित की कि भारत के प्रधान मंत्री ने सी आर पार्क नाम को मंजूरी दे दी है।”
