नेशनल हेराल्ड मामले में बदले की राजनीति के कांग्रेस के आरोप और हंगामे के कारण गुरुवार को लगातार तीसरे दिन राज्यसभा की कार्यवाही ठप रही। सत्ता पक्ष ने कांग्रेस पर सदन को बंधक बनाने काआरोप लगाया। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस सदस्यों के हंगामे की वजह से गुरुवार को भी सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई व पांच बार के स्थगन के बाद बैठक करीब तीन बजे आखिर दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
सुबह बैठक शुरू होने पर सभापति हामिद अंसारी ने गुरुवार को विश्व मानवाधिकार दिवस होने का जिक्र किया। इसके तुरंत बाद कांग्रेस सदस्यों ने आसन के समक्ष आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। वहीं अन्नाद्रमुक के सदस्य अपने स्थानों से आगे आकर चेन्नई बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग कर रहे थे। हंगामे के बीच ही उपसभापति पीजे कुरियन ने जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और वह चाहती है कि चर्चा तुरंत शुरू हो।
लेकिन हंगामा जारी रहा और कुरियन ने बैठक 11.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। 11.30 बजे बैठक शुरू होने पर भी वही नजारा रहा। इस दौरान भाजपा के सदस्य भी अपने स्थानों पर खड़े दिखे। हंगामे के बीच दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन कांग्रेस चर्चा से भाग रही है। हंगामा जारी रहने पर सदन की बैठक 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। दोपहर बारह बजे सभापति हामिद अंसारी के आसन ग्रहण करने से पहले ही कांग्रेस सदस्य आसन के समक्ष आ कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
सभापति ने सदस्यों से अपनी जगहों पर वापस जाने और प्रश्नकाल चलने देने को कहा। सदन में व्यवस्था बनते नहीं देख उन्होंने कुछ मिनट बाद ही बैठक आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी। बैठक पुन: शुरू होने पर कांग्रेस सदस्य फिर आसन के समक्ष आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि सदन में प्रश्नकाल के लिए नियत समय पर सदस्यों को प्रश्न पूछना चाहिए। नकवी ने कहा कि जो सदस्य प्रश्न पूछना नहीं चाहते, चर्चा में हिस्सा नहीं लेना चाहते वे सदन से बाहर जा सकते हैं। लेकिन ऐसे सदस्यों को अन्य सदस्यों के प्रश्न पूछने के अधिकार का हनन नहीं करना चाहिए।
सभापति ने एक बार फिर सदस्यों से शांत होने की अपील की। लेकिन हंगामा थमते न देख उन्होंने बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। हंगामे के कारण सदन में प्रश्नकाल और शून्यकाल दोनों नहीं चल सके। दोपहर दो बजे बैठक शुरू होने पर भी सदन में वही नजारा दिखा। हंगामे के बीच ही उपसभापति कुरियन ने सूचना प्रदाता संरक्षण (संशोधन) विधेयक 2015 पर आगे चर्चा शुरू करने के लिए सपा सदस्य नरेश अग्रवाल का नाम लिया। नरेश अग्रवाल ने मांग की कि पहले सदन में व्यवस्था कायम की जानी चाहिए।
बीजद के अनुभव मोहंती ने पोलावरम का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि सरकार इस मामले में एक पक्ष बन गई है। इस विषय पर उनका पूरा प्रदेश उत्तेजित है। उन्होंने मांग की कि सुप्रीम कोर्ट के फैले तक पोलावरम परियोजना को रोक दिया जाना चाहिए। उपसभापति कुरियन ने हंगामा जारी रहने को देखते हुए करीब पांच मिनट बाद ही बैठक दोपहर बाद तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी। तीन बजे बैठक शुरू होने पर भी सदन में हंगामा जारी रहा। लिहाजा कुरियन ने हंगामे के बीच विशेष उल्लेख के जरिए उठाए जाने वाले विभिन्न मुद्दे सदन के पटल पर रखवाए और बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी।