दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ के उद्घाटन समारोह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी तक पहुंचे। मगर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ खास बुलावे के बाद भी केवड़िया स्थित कार्यक्रमस्थल पर नहीं पहुंचे। ऐसा तब हुआ, जब उनको न्योता देने के लिए खुद रुपानी पिछले महीने लखनऊ गए थे। बता दें कि सरदार की प्रतिमा के अनावरण वाले दिन योगी लखनऊ में थे। हालांकि, वह शुक्रवार (तीन नवंबर) को पटेल की इस भव्य प्रतिमा को देखने के लिए राज्य पहुंचे और पहले वीआईपी विजिटर (मेहमान) बने। योगी ने उस दौरान हेलीकॉप्टर से स्टैचू ऑफ यूनिटी पर पुष्पांजलि की।
आपको बता दें कि पटेल, देश के पहले गृह मंत्री थे। उनकी जयंती पर बुधवार (31 अक्टूबर) को यहां के नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध से करीब साढ़े तीन किमी दूर साधु-बेट टापू पर पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा का पीएम मोदी ने अनावरण किया। उन्होंने इस खास मौके पर न केवल पटेल को याद किया, बल्कि उनके चरणों में जल और पुष्प भी अर्पित किए।
शुक्रवार को योगी के साथ कुछ अधिकारी और इंजीनियर भी गुजरात पहुंचे थे। वे वहां पर यूपी गेस्ट हाउस बनाने के मकसद से दौरे पर गए। हेलीकॉप्टर में योगी के साथ सीएम रूपाणी भी मौजूद थे, जिन्होंने योगी को प्रतिमा और उसके परिसर से जुड़ी प्रमुख बातें बताईं।
पीएम ने इसके अनावरण के दौरान कहा, “यह प्रतिमा नए भारत की अभिव्यक्ति है। देश के विराट व्यक्ति को आज इसके जरिए उचित स्थान मिला है। पर कभी सोचा नहीं था कि मैं इसका अनावरण करूंगा। पटेल में कौटिल्य की कूटनीति थी।”
स्टैचू ऑफ यूनिटी अब दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बन गई है। टीवी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक नवंबर से इसके परिसर के द्वार आम जनता के लिए खोल दिए गए। नजदीक से पटेल की इस प्रतिमा को देखने के लिए 500 रुपए का टिकट लगेगा, जबकि तीन किमी की दूरी से इसे देखने पर 30 रुपए का शुल्क चुकाना होगा।
सरदार की इस प्रतिमा से पहले तक दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, चीन के स्प्रिंग टेम्पल ऑफ बुद्ध की थी। स्टैचू ऑफ यूनिटी इससे 29 मीटर ऊंचा है, जबकि चीनी प्रतिमा की ऊंचाई 153 मीटर है। इतना ही नहीं, यह न्यूयॉर्क स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से भी लगभग दोगुना बड़ी है। विंध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी के टापू पर बनी इस मूर्ति को बनाने पर लगभग 2389 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।