तमिलनाडु में चल रहे भाषा विवाद के बीच स्टालिन सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। बजट के दौरान सरकार ने ‘₹’ का सिंबल हटाते हुए ‘ரூ’ सिंबल से रिप्लेस कर दिया गया है। पूरे देश में रुपये (₹) को आधिकारिक तौर पर अपनाया जाता है। बजट के दौरान स्टालिन सरकार ने नया सिंबल भी जारी किया। देशभर में रुपये का नया सिंबल जारी होने के बाद से यह पहला राज्य है जिसने अलग सिंबल जारी किया है। अब इसपर विवाद शुरू हो गया है। बीजेपी ने इसे तमिलनाडु का अपमान बताया है।

तमिलनाडु के ही शख्स ने तैयार किया ₹ सिंबल

अब बड़ा सवाल उठा रहा है आखिर में स्टालिन सरकार ने जो नया सिंबल जारी किया, वह कहां से आया। बता दें कि ₹ चिन्ह को बदलने के स्थान पर तमिल अक्षर लगाया गया है। ₹ को तमिलनाडु के ही शख्स ने तैयार किया था। वहीं ₹ सिंबल को डिजाइन करने वाले व्यक्ति के पिता भी डीएमके के पूर्व विधायक रह चुके हैं।

रुपये का सिंबल आईआईटी मुंबई के छात्र रहे उदय कुमार ने बनाया था और उनका जन्म तिरुवन्नामलई के पास हुआ था। उदय कुमार के पिता धर्मलिंगम डीएमके के पूर्व विधायक रह चुके हैं। अब इसको लेकर भाजपा ने स्टालिन सरकार पर तंज कसा है।

स्टालिन सरकार ने बजट से हटा दिया ₹ का सिंबल, भाषा विवाद के बीच तमिलनाडु सरकार का बड़ा कदम

बीजेपी ने बताया तमिलनाडु का अपमान

बीजेपी आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने इस फैसले को तमिलनाडु का अपमान बताया है। उन्होंने X पर लिखा, “उदय कुमार धर्मलिंगम एक भारतीय शिक्षाविद और डिजाइनर हैं, जो डीएमके के एक पूर्व विधायक के बेटे हैं। उन्होंने भारतीय रुपये (₹) का चिह्न डिजाइन किया था, जिसे भारत ने स्वीकार किया था। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन तमिलनाडु बजट 2025-26 दस्तावेज़ से ₹ ​​चिह्न हटाकर तमिलों का अपमान कर रहे हैं। कोई कितना हास्यास्पद हो सकता है?”

वहीं तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष अन्नामलाई ने सोशल मीडिया पर लिखा, ” डीएमके सरकार ने 2025-26 के लिए बजट में रुपये के चिन्ह को बदल दिया। रुपये के चिन्ह को तमिलनाडु के ही व्यक्ति ने डिजाइन किया था और इसे पूरे भारत ने अपनाया और अपनी मुद्रा पर अंकित किया। थिरु उदय कुमार ने ₹ चिन्ह बनाया था और वह डीएमके के पूर्व विधायक के बेटे हैं।”

स्टालिन ने कर दी सियासी गलती?

अब जब बीजेपी इसे तमिलनाडु का अपमान बता रही है और मुद्दा बना रही है, तो सवाल उठता है कि क्या स्टालिन फंस गए हैं? बीजेपी नैरेटिव बना रही है कि जिस तमिल शख्स द्वारा डिजाइन किए गए चिन्ह को पूरे भारत में स्वीकार किया गया, उसे तमिलनाडु सरकार ही अस्वीकार कर रही।