उत्तर प्रदेश में कई सीटों पर समाजवादी पार्टी द्वारा उम्मीदवार घोषित कर दिए गए हैं। लेकिन आजम खान की सीट रामपुर पर असमंजस बना हुआ है। इस बार आजम की जगह किसे उतारा जाए, ये सवाल सपा को परेशान कर रहा है। बड़ी बात ये है कि कार्यकर्ता चाहते हैं कि अखिलेश यादव खुद इस सीट से चुनाव लड़ें, वहीं सपा प्रमुख अभी इतने ज्यादा उत्साहित दिखाई नहीं दे रहे।
असल में आजम खान ने खुद इस बात की पैरवी की थी कि अखिलेश यहां से चुनाव लड़ें, लेकिन कुछ कारणों की वजह से सपा प्रमुख अभी तैयार नहीं हैं। इसी वजह से रामपुर की सपा स्टेट यूनिट चुनाव बहिष्कार के मूड में आ चुकी है। इस तरह से भी सपा प्रमुख पर ही दबाव बनाने की कोशिश हो रही है। जानकारी के लिए बता दें कि रामपुर से इस बार अखिलेश के ही परिवार के तेज प्रताप यादव उतारे जा सकते हैं। इसका औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि उन्हें टिकट मिल सकता है।
अभी तक कुल 38 उम्मीदवारों का ऐलान किया जा चुका है। यहां समझने वाली बात ये है कि उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव ने कांग्रेस से हाथ मिला रखा है यानी कि यूपी में इस बार बीजेपी से मुकाबला इंडिया गठबंधन का होने जा रहा है। यूपी में इस बार एक तरफ समाजवादी पार्टी 63 सीटों पर चुनाव लड़ रही है तो वहीं कांग्रेस के लिए 17 सीटें छोड़ी गई हैं। हाल ही में कांग्रेस ने भी यूपी की कुछ सीटों पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान किया था। वाराणसी से अजय सिंह तो राजगढ़ से कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह को मौका दिया गया है।
कांग्रेस ने अभी तक कुल 185 प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतार दिया है, लेकिन अभी तक ये साफ नहीं है कि वायानाड के अलावा राहुल गांधी क्या किसी दूसरी सीट से भी चुनाव लड़ने वाले हैं या नहीं। इसी तरह प्रियंका गांधी को लेकर भी सस्पेंस बना हुआ है।
अभी तक कुल 38 उम्मीदवारों का ऐलान किया जा चुका है। यहां समझने वाली बात ये है कि उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव ने कांग्रेस से हाथ मिला रखा है यानी कि यूपी में इस बार बीजेपी से मुकाबला इंडिया गठबंधन का होने जा रहा है। यूपी में इस बार एक तरफ समाजवादी पार्टी 63 सीटों पर चुनाव लड़ रही है तो वहीं कांग्रेस के लिए 17 सीटें छोड़ी गई हैं। हाल ही में कांग्रेस ने भी यूपी की कुछ सीटों पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान किया था। वाराणसी से अजय सिंह तो राजगढ़ से कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह को मौका दिया गया है।
कांग्रेस ने अभी तक कुल 185 प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतार दिया है, लेकिन अभी तक ये साफ नहीं है कि वायानाड के अलावा राहुल गांधी क्या किसी दूसरी सीट से भी चुनाव लड़ने वाले हैं या नहीं। इसी तरह प्रियंका गांधी को लेकर भी सस्पेंस बना हुआ है।