Srisailam Tunnel Collapse Indian Army: तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग में बचाव अभियान को रविवार सुबह झटका लगा है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल ( एसडीआरएफ ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ ) की टीमों को सुरंग के ढह गए हिस्से तक पहुंचने में गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
एसडीआरएफ के एक अधिकारी ने कहा कि सुरंग के अंदर जाने का कोई मौका नहीं है। यह पूरी तरह से ढह गई है और घुटनों तक कीचड़ है। हमें एक और कदम उठाना होगा। एसडीआरएफ , एनडीआरएफ और अन्य बचाव दल सिंगरेनी कोलियरीज के अधिकारियों के साथ ढह गए सुरंग के हिस्से का निरीक्षण करने के बाद लौट आए, जिसमें कम से कम आठ श्रमिकों के फंसे होने की आशंका है।
शनिवार की सुबह तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में डोमलपेंटा के पास श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग के निर्माणाधीन हिस्से की छत का तीन मीटर हिस्सा 14वें किलोमीटर के निशान पर ढह गया।
सुरंग ढहने की यह घटना लंबे अंतराल के बाद निर्माण कार्य फिर से शुरू होने के ठीक चार दिन बाद हुई। इस घटना के बाद कुछ मजदूर भागने में सफल रहे, लेकिन आठ मजदूरों के सुरंग के अंदर फंसे होने की आशंका है।
सेना ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल ( एनडीआरएफ ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल ( एसडीआरएफ ) की टीमों को घटनास्थल पर तैनात किया गया, जबकि भारतीय सेना की एक इंजीनियर रेजिमेंट, जो सिकंदराबाद में इन्फैंट्री डिवीजन का हिस्सा है। उसको बचाव प्रयासों का समर्थन करने के लिए एक एक्सकेवेटर डोजर के साथ स्टैंडबाय पर रखा गया था।
ईटीएफ विशेषज्ञ इंजीनियरिंग टीमों, सेना चिकित्सा कोर के फील्ड एम्बुलेंस से एक चिकित्सा टुकड़ी, एक एम्बुलेंस, तीन उच्च क्षमता वाले पंपिंग सेट, बख्तरबंद होज़ और अन्य सहायक उपकरणों से सुसज्जित है।
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए नागरकुरनूल से कांग्रेस सांसद मल्लू रवि ने एएनआई को बताया कि एसएलबीसी सुरंग में बहुत बुरी घटना हुई। यहां छत गिर गई। करीब 60 लोग काम कर रहे थे। 8 को छोड़कर बाकी सभी बिना किसी गंभीर चोट के सुरक्षित बाहर आ गए हैं।
उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ , हैदराबाद से 145 लोग आए हैं , एसडीआरएफ से 120 लोग आए हैं , वे उन्हें बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। सुरंग के अंदर ऑक्सीजन जा रही है। अंदर पानी है, पानी निकालने के लिए 100 एचपी का पंप आ रहा है और एक बड़ा 250 केवी का जनरेटर भी आ रहा है। उनकी जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
तेलंगाना के मुख्य सचिव से अनुरोध प्राप्त करने के बाद सेना ने इस महत्वपूर्ण बचाव अभियान के लिए अपने इंजीनियर टास्क फोर्स (ETF) को तुरंत सक्रिय कर दिया। ETF विशेषज्ञ इंजीनियरिंग टीमों, सेना चिकित्सा कोर के फील्ड एम्बुलेंस से एक चिकित्सा टुकड़ी, तीन उच्च क्षमता वाले पंपिंग सेट, बख्तरबंद नली और अन्य सहायक उपकरणों से लैस है।
तेलंगाना एवं आंध्र उप क्षेत्र (टीएएसए) मुख्यालय और इन्फैंट्री डिवीजन मुख्यालय द्वारा स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है , जिससे सेना, नागरिक अधिकारियों और अन्य बचाव टीमों के बीच लगातार सुनिश्चित हो सके।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी से एसएलबीसी सुरंग में चल रहे बचाव प्रयासों के बारे में बात की। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री को बचाव कार्यों में केंद्र सरकार की ओर से पूरी सहायता का आश्वासन दिया।
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