राष्ट्रपति भवन द्वारा सोमवार को इस बात की पुष्टि करने के बाद कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल में शामिल नहीं होंगे। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर संदेह की स्थिति बन गई है। इधर मंगलवार को हुई सुनवाई में एनजीटी ने डीडीए को कड़ी फटकार लगाई। एनजीटी ने कहा कि आयोजकों ने दी गई इजाजत से परे जाकर कार्यक्रम की तैयारियों को अंजाम दिया है। यमुना किनारे मलबा इकट्ठा होने को लेकर डीडीए ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उन्हें मलबे से जुड़ी जानकारी नहीं है। इसपर एनजीटी ने कहा कि डीडीए खुद को बचाने की कोशिश कर रही है। इस विवाद पर बुधवार को भी एनजीटी के सामने सुनवाई जारी रहेगी।

यमुना नदी के किनारे आयोजन की वजह से विवादों में फंसे समारोह के साथ एक और विवाद जुड़ गया है। रक्षा मंत्रालय द्वारा सेना को समारोह स्थल पर एक पुल बनाने के लिए कहा गया है। करीब 100 सैनिक पुल बनाने में लगे हुए हैं। ऐसे में सेना का प्राइवेट काम के लिए इस्तेमाल किए जाने की वजह इसकी आलोचना हो रही है। यह भी बताया जा रहा है कि सेना दूसरा समारोह स्थल पर दूसरा पुल भी बनाएगी।

11 मार्च से 13 मार्च तक दिल्ली में होने वाले इस समारोह के आयोजकों का दावा है कि इसमें करीब 35 लाख लोग पहुंचेंगे। यमुना नदी के किनारे इसका आयोजन किए जाने से समारोह विवादों में फंस गया। एक कार्यकर्ता ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में अपील करते हुए कहा कि आयोजन की वजह से पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचेगा। ऐसे में इस आयोजन को रद्द किया जाना चाहिए। सोमवार को शिवरात्री की छुट्टी होने की वजह से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इस बारे में कोई भी फैसला नहीं सुनाया, संभावना जताई जा रही है कि एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस स्वतंत्र कुमार की नेतृत्व वाली बेंच अपना फैसला मंगलवार को सुना सकती है।

पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने इस पर किसी तरह की टिप्पणी करने से मना कर दिया, वहीं श्री श्री रवि शंकर के आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन का कहना है कि उनके आयोजन से कोई भी नुकसान नहीं होंगा। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में कोई भी स्थाई निर्माण नहीं किया है। यमुना किनारे साथ एकड़ में स्टेज बनाया गया है और टेंट लगाए गए हैं।

शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समारोह का उद्धघाटन करेंगे। समारोह में नेपाल की राष्ट्रपित बिदया देवी भंडारी, श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेन, यूरोप संसद के उपाध्यक्ष, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री सैयद यूसुफ रजा गिलानी सहित देश-विदेश के कई नेता और प्रमुख समारोह में पहुंचेंगे।