श्री श्री रविशंकर के फाउंडेशन आर्ट ऑफ लिविंग के समारोह वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल के आयोजन को बुधवार को एनजीटी की मंजूरी मिल गई है। एनजीटी ने आर्ट ऑफ लिविंग पर पांच करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही पांच लाख का जुर्माना डीडीए और एक लाख रुपए का जुर्माना डीपीसीए पर लगाया गया है। गौरतलब है कि एनजीटी ने समारोह स्थल की जांच करने के लिए प्रोफेसर सीआर बाबू के नेतृत्व में एक टीम बनाई थी। इस टीम ने समारोह स्थल का दौरा करके यह आकलन किया था कि समारोह स्थल पर निर्माण कार्य करने से पर्यावरण को कितना नुकसान हुआ है। टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि यमुना नदी को नुकसान पहुंचा है। और साथ ही रिपोर्ट में कहा गया था कि आर्ट ऑफ लिविंग को इस नुकसान की भरपाई के लिए 100 से 120 करोड़ रुपए देने चाहिए।
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एनजीटी ने आर्ट ऑफ लिविंग को समारोह स्थल को समतल करने और स्टेज बनाने पर आए खर्च का ब्यौरा देने के लिए देने के लिए कहा है। इसके जवाब में आर्ट ऑफ लिविंग ने कहा कि स्टेज बनाने पर पांच करोड़ 23 लाख रुपए और निर्माण जमीन को समतल करने पर 15 करोड़ 63 लाख रुपए खर्च हुए हैं। इस तरह से अभी तक फाउंडेशन के कुल 25 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।
एनजीटी ने समारोह रद्द की याचिका पर सुनवाई करते हुए सभी पक्षों को कड़ी फटकार लगाई थी और पर्यावरण मंत्रालय को कहा कि हमारे सब्र का इम्तेहान न लिया जाए। एनजीटी ने इससे जुड़े सभी पक्षों को पूछा कि इस कार्यक्रम से होने वाले नुकसान के बारे में आकलन किया गया है या नहीं। समारोह को लेकर संसद में भी गर्माहट दिखाई दी। राज्यसभा में इसको लेकर कोहराम मचा, जिसके बाद राज्सभा को स्थगित करना पड़ा। एनजीटी ने बुधवार को कहा कि सभी पक्षों ने केवल एक ही स्टैंड लिया हुआ है कि ‘हमें नहीं पता’।
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आर्ट ऑफ लिविंग ने कहा कि एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन करने वाली कोई भी गतिविधि नहीं की जाएगी। नदी से पूरी दूरी बनाकर रखी जाएगी। एनजीटी को बताया गया कि आर्ट ऑफ लिविंग ने यमुना नदी में कीटनाशक युक्त पानी डाला है। इस पर एनजीटी ने दिल्ली पोल्यूशन कंट्रोल कमेटी को पूछा है कि क्या यमुना में बिना जांच के एन्जाइम डालने की अनुमति दी जा सकती है? समारोह के आयोजन के लिए आर्ट ऑफ लिविंग को 24 एकड़ जमीन दी गई थी, लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक 64 एकड़ जमीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस पर भी एनजीटी ने फाउंडेशन से सवाल पूछा है।
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श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि मैंने सभी पार्टियों से इस समारोह का राजनीतिकरण न करने की अपील की है। यह सभी संस्कृतियों, राष्ट्रों, धर्मों और विचाधाराओं को एक साथ लाने के लिए है। विश्व संस्कृति महोत्सव 11 मार्च से 13 मार्च 2016 तक होगा। इसमें देश-विदेश के कई नेता और सेलेब्रेटी शामिल हो रहे हैं।