अपनी पिछली बात से यू टर्न लेते हुए शुक्रवार को एनआईए ने मालेगांव ब्लास्ट की ‘आरोपी’ साध्वी प्रज्ञा समेत 6 आरोपियों के खिलाफ लगे सारे आरोपों को खारिज कर दिया। इसके साथ ही कुल 12 आरोपियों में से 10 पर से मकोका को भी हटा लिया गया। इन लोगों में कर्नल प्रसाद पुरोहित भी शामिल हैं।
एनआईए की तरफ से कहा गया कि उन्हें प्रज्ञा सिंह ठाकुर और बाकी पांच आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं।
क्या था मामला: 29 सितंबर 2008 में रमजान के वक्त हुए दो ब्लास्ट में 7 लोगों की जान चली गई। इस केस को शुरुआत में मुंबई एटीएस के ज्वॉइंट कमिशनर हेमंत करकरे को सौंपा गया था। उनकी तरफ से की गई जांच में 14 लोगों के खिलाफ चार्जशीट तैयार करके मुंबई हाई कोर्ट को सौंप दी गई थी। इसके बाद, 26/11 में हुए बम धमाकों में हेमंत करकरे ने जान गंवा दी। 2011 में ही इस केस को एनआईए को सौंप दिया गया।
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इसके बाद, साध्वी प्रज्ञा और पुरोहित ने हाई कोर्ट के अलावा सुप्रीम कोर्ट में भी जाकर अपने खिलाफ दायर की गई चार्जशीट के खिलाफ याचिका दायर की थी। इसके साथ ही दोनों ने जमानत के लिए भी अर्जी दी जिसका एनआईए ने विरोध किया था।
अपनी इन पुरानी बातों पर सवाल किए जाने पर एनआईए के डायरेक्टर जनरल शरद कुमार की तरफ से कहा गया, ‘ उस वक्त तक हमारी इंवेस्टिगेशन पूरी नहीं हुई थी। हम उस वक्त एटीएस द्वारा की गई पूछताछ को देख रहे थे। अब हमारी इंवेस्टिगेशन पूरी हो गई है और हमने अपनी फाइनल रिपोर्ट दे दी है।’
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स्पेशल पब्लिक प्रॉसीक्यूटर अविनाश रसल ने कहा था कि उन्हें चार्जशीट के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी। इस बात से दुखी अविनाश रसल ने कहा था कि वह इस केस को छोड़ भी सकते हैं। हालांकि, बाद में उनकी तरफ से इसके लिए सफाई भी आ गई। इसमें अविनाश ने बताया कि एनआईए के अधिकारियों की तरफ से उनसे माफी मांगी गई है।
Have shown my displeasure to procedure followed by NIA in filing chargesheet,was not informed till last moment: NIA Special PP Avinash Rasal
— ANI (@ANI_news) 13 May 2016
I am not resigning as NIA officials have said sorry and regretted.Matter is pacified now: NIA Special Public Prosecutor Avinash Rasal to ANI
— ANI (@ANI_news) 13 May 2016
इसके साथ ही कांग्रेस की तरफ से दिग्विजय सिंह ने भी एनआईए की चार्जशीट पर सवाल उठाए हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘मैंने पहले ही कहा था कि बीजेपी और आरएसएस ने संघ के कार्यकर्ताओं को बचाना शुरू कर दिया है।’ इसके साथ ही उन्होंने एनआईए के डायरेक्टर जनरल शरद कुमार पर भी आरोप लगाए कि उन्हें इस चार्जशीट के बदले ‘एक्सटेंशन’ मिला है।
वहीं, गृह राज्य मंत्री किरेन रिजीजू ने सरकार पर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘हम एजेंसियों को स्वतंत्र रूप से काम करने देते हैं।’