नागरिकता कानून (सीएए) और एनआरसी के विरोध में हुए आंदोलन में 20 दिसंबर को मेरठ में मारे गए छह लोगों में से प्रत्येक के परिवार वालों को समाजवादी पार्टी के नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को 5 लाख रुपए के चेक सौंपे। विरोध प्रदर्शन में मरने वालों काे “शहीद” बताते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी ने कहा, “अगर हम सत्ता में आएंगे तो हिंसा में जान गंवाने वालों के परिवारों को पेंशन भी देंगे” सपा नेता ने मौतों और हिंसक विरोध की उच्च न्यायालय के सिटिंग जज से जांच कराने की मांग की। उन्होंने कहा, “जांच के लिए तुरंत कदम उठाए जाने चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके।”
आरोप लगाया कि बीजेपी की शह पर हुई हिंसा : उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, “विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा सत्तारूढ़ बीजेपी की शह पर यूपी पुलिस ने करवाई थी, जिसमें निर्दोष प्रदर्शनकारियों पर जानलेवा हमला किया गया था।” चौधरी ने कहा, “बीजेपी, आरएसएस और पुलिस विभाजनकारी कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।”
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कहा पुलिस की गोली से गई लोगों की जान : चौधरी ने आरोप लगाया, “20 दिसंबर को मेरठ और राज्य के अन्य हिस्सों में सीएए के विरोध में लोग शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन बीजेपी कार्यकर्ताओं ने इसे हिंसक मोड़ देने के लिए उनके साथ हाथापाई की, जब सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ता घटनास्थल से चले गए तब पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने के लिए निर्देश दे दिया गया था। इसी से लोगों की जान गई।”
कांग्रेस की भी की आलोचना : उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से मेरठ यात्रा की कोशिश के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की भी आलोचना की। 24 दिसंबर को प्रियंका गांधी अपने भाई राहुल गांधी के साथ मेरठ जा रही थीं, लेकिन प्रशासन ने उन्हेंं जिले में प्रवेश करने से रोक दिया। दो दिन बाद प्रियंका मेरठ और पड़ोसी जिला मुजफ्फरनगर गईं और पीड़ितों के परिवार से मिलीं।