समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि वे एनपीआर फार्म नहीं भरेंगे। कहा कि समाजवादी पार्टी के लोग एनपीआर का बॉयकॉट करेंगे। प्रदेश में सपा सरकार आएगी तो 2007 के गोरखपुर दंगों की जांच कराई जाएगी। रविवार को उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी कुर्सी बचाने के लिए प्रदेश में नए नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन की आड़ में एक समुदाय विशेष पर अन्याय करवा रहे हैं।

कहा सीएम कुर्सी बचाने के लिए मुसलमानों पर अन्याय करवा रहे हैं : लखनऊ में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पता है कि भाजपा के 200 विधायकों ने विधानसभा में उनके खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया था, लिहाजा वह अपनी कुर्सी बचाने के लिए मुसलमानों पर अन्याय करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर मन टटोला जाए तो 300 विधायक योगी से नाराज हैं। योगी इस बात से घबराए हुए हैं और अपनी कुर्सी बचाने के लिए पुलिस के जरिए नाइंसाफी करवा रहे हैं।

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कहा कि हिंसा की हाईकोर्ट के जज से जांच कराई जाए तो सच सामने आ जाएगा : कहा कि नए नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदेश में हुए प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की अगर उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय के किसी सेवारत न्यायाधीश से जांच कराई जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी। उन्होंने कहा कि तब यह जाहिर हो जाएगा कि हिंसा के दौरान जो भी लोग मरे, वे पुलिस की गोली से मारे गए। हिंसा के शिकार हुए लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी भाजपा के लोग अपने हिसाब से बनवा रहे हैं। आखिर क्या वजह है कि सरकार सच छिपाना चाहती है।

2022 में सरकार बनी तो गोरखपुर दंगे की जांच कराएंगे  : उन्होंने कहा कि 2022 के चुनाव में समाजवादी पार्टी की प्रदेश में सरकार बनेगी। सपा की सरकार 2007 में गोरखपुर के दंगे की जांच कराएगी और नुकसान की भी भरपाई कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में असहमति का अधिकार है। जिसके साथ अन्याय होगा, सपा उसके साथ खड़ी होगी। सपा अध्यक्ष ने कहा सरकार शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर रोक कैसे लगा सकती है। भाजपा सरकार लोगों को डरा रही है, धमकियां दे रही है।