कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगाया। इसके बाद पूरे देश में इस पर बहस छिड़ गई। राहुल गांधी ने एक प्रेजेंटेशन पेश किया, जिसमें दावा किया गया कि चुनाव आयोग द्वारा बीजेपी को फायदा पहुंचाया गया। इस बीच समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने एक बार फिर से चुनाव आयोग पर निशाना साधा है। उन्होंने अयोध्या के मिल्कीपुर में हुए विधानसभा उपचुनाव का उदाहरण दिया है।
अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव ने दावा किया, “चुनाव आयोग को लेकर हमेशा से चिंता रही है कि वो न्याय करेगा या नहीं। और अगर कभी कोई सबसे ज़्यादा मिसाल वाला चुनाव हुआ है, जिस पर हमें पूरी बहस करनी चाहिए, तो वो है यूपी उपचुनाव। वोट चोरी तो बहुत छोटी बात है। भाजपा के समर्थन से चुनाव आयोग ने डकैती डाली या वोटों का अपहरण किया।”
अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हुए उपचुनाव में सभी अधिकारी मिलकर सरकार के इशारे पर, चुनाव आयोग की उन्होंने कोई परवाह नहीं की। उन्होंने कहा कि चाहे वह कुंदरकी का चुनाव हो, मीरापुर का चुनाव हो या फिर सबसे ताजा उदाहरण अयोध्या के मिल्कीपुर का उपचुनाव रहा है, इसके लिए चोरी डकैती या अपहरण कौन सा शब्द हम इस्तेमाल करें, सबकुछ अयोध्या में हुआ। अखिलेश यादव ने दावा किया कि यहां पर प्रशासन ने पहले ही तय कर लिया था कि ऑफीसर कौन होगा, किस अधिकारी की कितना वोट डलवाने की जिम्मेदारी होगी, मतलब अलग से कितना वोट डलवाएंगे।
अखिलेश यादव ने कहा, “कई लोगों के वीडियो सामने आए थे, जो 6-6 वोट डालकर के आ रहे थे। एक व्यक्ति पकड़ा गया था, जो दूसरी जगह से वोट डालने के लिए आया था। मंत्री लोग रुके हुए थे, यह बीजेपी का चुनाव लड़ने का तरीका रहा है। पिछली बार जब समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग ने बीजेपी के इशारे पर सपा के वोटों को काटा है और वोट डालने नहीं दिया गया तब चुनाव आयोग ने हमसे सूची मांगी। तब सपा ने 18 हजार ऐसे लोगों की सूची दी, जिन्होंने पहले वोट डाला था और उनके नाम डिलीट कर दिए गए थे। किस कारण डिलीट किए गए, इसका किसी को कुछ नहीं पता। उस पर एक भी कार्रवाई चुनाव आयोग ने नहीं की। चुनाव आयोग अगर कार्रवाई कर देता तो आज निष्पक्ष चुनाव हमें देखने को मिलता। फिर SIR को लेकर जो लड़ाई लड़नी पड़ रही है, यह लड़ाई नहीं लड़नी पड़ती।”