वरिष्ठ कांग्रेस नेता और अयोध्या बाबरी मस्जिद को लेकर सुन्नी वक्फ बॉर्ड की तरफ से केस लड़ रहे वकील कपिल सिब्बल को पार्टी ने फरमान सुनाया है कि वे इस केस को छोड़ दें। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस ने कपिल सिब्बल से बाबरी मस्जिद की पैरवी छोड़ने के लिए कहा है। सीएनएन न्यूज 18 के अनुसार, कांग्रेस के अंदर के लोगों का कहना है कि पार्टी ने सिब्बल से कहा है कि अगर वे खुद को इस केस से दूर कर लेते हैं तो यह उनके लिए राजनीतिक तौर पर एक समझदारी का फैसला हो सकता है।
वहीं टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले की दो सुनवाई में कपिल सिब्बल शामिल नहीं हुए हैं। इसी बीच ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि सिब्बल द्वारा सुनवाई में शामिल नहीं होने के पीछे कारण कांग्रेस द्वारा सिब्बल से केस को छोड़ने के लिए कहना हो सकता है। इस केस को लड़ रहे मुस्लिमों का कहना है कि जहां तक वे जानते हैं कि सिब्बल ने कुछ समय के लिए ब्रेक लिया है। रिपोर्ट के अनुसार, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि कांग्रेस ने कपिल सिब्बल को क्या निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें संवैधानिक मुद्दों पर कपिल सिब्बल की जरूरत है।
इस केस की अगली सुनवाई 6 अप्रैल को होगी। इस सुनवाई में सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि कपिल सिब्बल बाबरी मस्जिद केस की पैरवी करने आते हैं या नहीं। बता दें कि बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार विपक्षी पार्टी और सिब्बल पर कोर्ट और राजनीति में दोहरी भूमिका निभाने को लेकर निशाना साधते रहे हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव के समय पीएम मोदी ने कपिल सिब्बल पर निशाना साधते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट को संवेदनशील बाबरी मस्जिद केस की सुनवाई को स्थगित करना चाहिए और इसे 2019 के आम चुनावों के बाद किया जाए। वहीं, इस पर सिब्बल ने कहा था कि 2019 के आम चुनावों से इस मामले को दूर रखना चाहिए।