केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को कहा कि कुछ लोग ‘भावना, भ्रम और भय’ का माहौल पैदा करके सरकार चला रहे हैं, ऐसे में जनता को इनसे सावधान रहने और सही निर्णय लेने की जरूरत है।

‘गांधी चेतना रैली’ को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के लिये महात्मा गांधी के आदर्श पार्टी की आत्मा है और उसने इन उसूलों को कार्यशैली मे अपनाया है ।

भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया, “कुछ लोग गांधीजी का नाम जोर शोर से लेते हैं लेकिन अपने कार्यो से उनके (गांधीजी) आदर्शो, उसूलों को चूर-चूर कर दिया है। आज चारों तरफ अराजकता, अत्याचार, दुराचार का बोलबाला है। जानबूझकर समाज में भेदभाव का माहौल बनाया जा रहा है, बेगुनाहों पर जुल्म हो रहे हैं।”

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “अब बहुत हो गया। मैं इतना कहना चाहती हूं कि कुछ लोग ‘भावना, भ्रम और भय’ का माहौल पैदा करके सरकार चला रहे हैं, आप इन सबसे सावधान रहे और सही निर्णय लें।”

उन्होंने कहा कि हम सभी को एकजुट होकर लड़ना है और यही महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। कांग्रेस पार्टी लगातार संघर्ष करेगी और अखिर में सभी के सहयोग से सफलता पायेगी।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हर कार्ययोजना को देश की जनता को ध्यान में रखकर बनाया, न कि चंद लोगों के लिए। जब भी कांग्रेस गरीबों के उत्थान के लिये कार्य करती है तब कुछ शक्तियां निजी स्वार्थ के लिये पार्टी के खिलाफ खड़ी हो जाती हैं।

सोनिया गांधी ने सवाल किया कि जब कांग्रेस देश के ग्रामीण क्षेत्र की बेरोजगारी को दूर करने के लिये ‘मनरेगा’ लाई तो किसने विरोध किया, किसने मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा कि अगर मनरेगा नहीं होती तो कोविड-19 के समय में बड़ी संख्या में लोग मुखमरी का शिकार होते।

केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आज युवाओं का रोजगार छीना जा रहा है, लाखों की संख्या में कुटीर उद्योग बंद हो रहे हैं । सबसे अधिक रोजगार देने वाले उद्यमों का निजीकरण किया जा रहा है ।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में शासन में पारर्दिशता लाने के लिये लाये गये सूचना के अधिकार कानून को कमजोर किया गया है । आज सवाल पूछने पर जवाब नहीं मिलता है।

केंद्र सरकार पर प्रहार जारी रखते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि किसानों, खाद्य योजना, महिलाओं, स्वास्थ्य, शिक्षा, कामगारों आदि से जुड़े कानूनों को मोदी सरकार के समय में कमजोर किया गया है। इससे आम लोगों के हित प्रभावित हुए हैं और उनका अधिकार छीनने का काम किया गया है।