कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सीपीपी की बैठक पार्टी नेताओं से कहा कि हमें आत्मसंतुष्ट और अति आत्मविश्वासी नहीं बनना है, माहौल हमारे पक्ष में है, हमें एकजुट होकर काम करना होगा।
उन्होंने कहा कि हमें लगता था कि मोदी सरकार लोकसभा चुनाव के नतीजों से सबक लेगी, लेकिन वह आज भी समुदायों को विभाजित करने, भय और शत्रुता का माहौल बनाने की अपनी नीति पर कायम है। इस दौरान उन्होंने RSS पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि आरएसएस खुद को एक सांस्कृतिक संगठन कहता है, लेकिन पूरी दुनिया जानती है कि वह BJP का राजनीतिक और वैचारिक आधार है।
बजट में युवाओं की मांग को नजरअंदाज किया गया
सीपीपी की मीटिंग में सोनिया गांधी ने कहा कि केंद्रीय बजट में किसानों और युवाओं की मांगों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का जनगणना कराने का कोई इरादा नहीं है। सोनिया गांधी ने उत्तर प्रदेश में चल रही कांवड़ यात्रा का जिक्र करते हुए नेमप्लेट विवाद की भी बात की। उन्होंने कहा कि सौभाग्य से सुप्रीम कोर्ट ने सही समय पर हस्तक्षेप किया, लेकिन यह केवल एक अस्थायी राहत हो सकती है।
सोनिया गांधी के भाषण की अन्य बड़ी बातें
सोनिया गांधी ने वायनाड में आई आपदा पर भी दुख जताया। सोनिया गांधी ने कहा कि उन्होंने वायनाड में भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों की मौत पर दुख जताया और प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की।
सोनिया गांधी ने आगामी विधानसभा चुनाव पर कहा कि कुछ ही महीनों में चार राज्यों में चुनाव होने हैं। हमें लोकसभा चुनाव में बनी स्थिति को बरकरार रखना चाहिए। हमें आत्मसंतुष्ट और अति आत्मविश्वासी नहीं बनना चाहिए। माहौल हमारे पक्ष में है, लेकिन हमें लक्ष्य को ध्यान में रखने की भावना के साथ एकजुट होकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस आगामी चुनावों में भी बेहतर प्रदर्शन करती है तो राष्ट्रीय राजनीति में बदलाव आएगा।