Karnataka News: कर्नाटक के डिप्टी सीएम डी के शिवकुमार ने एक कार्यक्रम में गांधी परिवार की जमकर तारीफ की। उन्होंने राजनीतिक त्याग और सत्ता-बंटवारे के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि आजकल के नेता ऐसा करने से कैसे हिचकिचाते हैं। हालांकि, शिवकुमार ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी टिप्पणी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के साथ बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद को लेकर मतभेद की अटकलों को फिर से हवा दे दी है।
नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में बोलते हुए शिवकुमार ने कहा, ‘जब राष्ट्रपति ने सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के लिए कहा तो उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए सत्ता महत्वपूर्ण नहीं है। उन्होंने फैसला किया कि एक सिख, एक अल्पसंख्यक और एक अर्थशास्त्री देश को बचा सकते हैं और उन्हें प्रधानमंत्री बनना चाहिए।’ उन्होंने इसे राजनीतिक बलिदान बताया।
सिद्धारमैया बोले- मुख्यमंत्री पद पर कोई वैकेंसी नही ंहै
भारत कांग्रेस की वजह से एकजुट – डीके शिवकुमार
साथ ही डीके शिवकुमार इतने पर ही नहीं रूके उन्होंने आगे कहा, ‘क्या इतने बड़े लोकतंत्र में किसी ने ऐसा त्याग किया है? क्या आज कोई अपने छोटे से पद का भी त्याग करता है? पंचायत स्तर पर भी, कई लोग ऐसा नहीं करते। कुछ विधायक और मंत्री सत्ता साझा करते हैं, लेकिन हममें से कुछ लोग सत्ता साझा करने के लिए भी सहमत नहीं होते।’ शिवकुमार ने यह भी कहा कि भारत कांग्रेस की वजह से एकजुट रहा है और गांधी परिवार ने पार्टी को एकजुट रखा है। उन्होंने वकीलों के समुदाय से आग्रह किया कि वे राहुल गांधी के सुझाव के अनुसार हर एक निर्वाचन क्षेत्र में कानूनी बैंक बनाकर हर एक भारतीय के वोट के अधिकार की रक्षा में मदद करें।
हम सभी को साथ आना होगा – शिवकुमार
कर्नाटक के आठ बार के विधायक शिवकुमार ने उन दिनों को याद किया कि जब वह तिहाड़ जेल में बंद थे और वहां से बाहर आने में वकीलों की भूमिका की सराहना की। उन्होंने सोनिया गांधी को तिहाड़ जेल में उनसे मिलने के लिए धन्यवाद दिया, जब वह वहां थे और उन्हें कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख बनाया। शिवकुमार ने कार्यकर्ताओं से बीजेपी से लड़ने के लिए एकजुट होने का आह्वान करते हुए कहा, ‘यह सिर्फ एक राजनीतिक एजेंडा नहीं है, हम सभी को साथ आना होगा। साथ आना ही शुरुआत है और आप सभी का साथ मिलकर काम करना ही प्रगति है। आप सभी को मिलकर काम करना होगा और 2029 में फिर से देश को पटरी पर लाना होगा।’ सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार से खफा हो गए राहुल गांधी?