केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ रविवार को हरियाणा के भिवानी जिले के कितलाना में आयोजित कृषक रैली को संबोधित करते हुये किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कानून वापस नहीं होने पर अनाज तिजोरियों में रखने वाला सामान बन जायेगा। संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वावधान में आयोजित किसान रैली में किसानों से संगठित रहने की अपील करते हुए कहा कि उन्हे और ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है क्योंकि भाजपा के कुछ नेताओं ने उन्हें सिख एवं गैर सिख में बांटने की कोशिश की।

टिकैत ने कहा कि लेकिन ये लोग अपने मनसूबों में कामयाब नहीं हो पाए और उल्टा हरियाणा एवं पंजाब के लोग अब संगठित हो गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि केद्र सरकार के तीन ‘काले’ कानून से किसान बर्बाद हो जायेंगे। उन्होंने इन कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुये कहा कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाये। उन्होंने कहा कि यदि कृषि कानून वापिस नहीं होते है तो अनाज तिजोरियों में रखने का सामान बन जाएगा।

बता दें कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कहा कि सरकार नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों की मांगों के प्रति संवेदनशील है, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें ठोस सुझाव देने चाहिए। पीयूष गोयल ने कहा कि तीन कृषि कानून किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए बनाए गए थे और अगर उन्हें लेकर कोई गलतफहमी होती है, तो “उनका हमेशा समाधाना किया जा सकता है”।

पीयूष गोयल ने कहा कि बार-बार प्रस्तावों के बावजूद, प्रदर्शनकारी अब तक किसी भी “ठोस सुझाव” के साथ नहीं आए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने किसान यूनियनों से अपील करते हुए कहा कि सरकार उनके मुद्दों पर चर्चा करने के लिए “सिर्फ एक फोन कॉल” की दूरी पर है। पीयूष गोयल ने कहा, “लेकिन इसके लिए, किसी को कम से कम कॉल करना होगा ताकि हम आगे बढ़ सकें।”