Oxford Union debate, Kashmir issue: भारत की लगातार यह कोशिश रही है कि कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण न हो। हालांकि, दो भारतीय सांसद बुधवार को ब्रिटेन में आयोजित ऑक्सफोर्ड यूनियन डिबेट में इस मुद्दे पर भिड़ते नजर आएंगे। सीपीएम के जनरल सेक्रेटरी और पूर्व राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीने जाने के खिलाफ बोलेंगे। वहीं, बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा यह कदम उठाए जाने के पक्ष में दलीलें देंगे। पांडा लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं।
ऑक्सफोर्ड यूनियन नाम की इस डिबेटिंग सोसाइटी का गठन 1823 में हुआ था। यह ब्रिटिश शहर ऑक्सफोर्ड में स्थित है। यह दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित प्राइवेट स्टूडेंट्स सोसाइटियों में शुमार किया जाता है। जिस मुद्दे पर दोनों नेता डिबेट में हिस्सा लेंगे, उसका शीर्षक है- द क्राइसिस इन कश्मीर: शुड स्पेशल स्टेटस हैव बिन रिवोक्ड?
बता दें कि सीताराम येचुरी इकलौते ऐसे राजनेता थे, जो आर्टिकल 370 के विशेष प्रावधान खत्म किए जाने के बाद कश्मीर में लागू बंदिशों के बीच राज्य में एंट्री पाने में सफल रहे थे। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में येचुरी ने कहा था कि कश्मीर में हालात सरकार के दावों के उलट हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी और पार्टी के ही नेता युसूफ तरिगामी की मीटिंग पर सुरक्षाबलों की कड़ी नजर थी।
ऑक्सफोर्ड यूनियन में बोलने वाले आखिरी भारतीय राजनेता सलमान खुर्शीद थे। उन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप के बंटवारे के पक्ष में बोला था। वहीं, 2015 में कांग्रेस नेता शशि थरूर का इसी मंच पर दिया गया भाषण भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो गया था। थरूर की स्पीच को इस सोसाइटी में हालिया सालों में हुए टॉप 3 डिबेट्स में शुमार किया जाता है।
बता दें कि मंगलवार को यूरोपीय संघ (ईयू) के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर के दौरे पर होगा। इससे पहले, यह प्रतिनिधिमंडल सोमवार को पीएम मोदी से मिला। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार मोदी ने उम्मीद जताई कि सांसदों का देश के विभिन्न हिस्सों का दौरा उपयोगी होगा और जम्मू कश्मीर की यात्रा से उन्हें जम्मू, कश्मीर और लद्दाख क्षेत्रों की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता की बेहतर समझ हो सकेगी।
(जनसत्ता ऑनलाइन इनपुट्स समेत)