मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने मंगलवार (28 फरवरी) को भारतीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर आरोप लगाया कि वह देश पर अपने ‘प्रतिगामी विचारों’ को थोपने का प्रयास कर रहा है। मार्क्‍सवादी नेता ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू के उस बयान की निंदा की, जिसमें उन्होंने कहा है कि जब भारतीय सैनिक मारे जाते हैं, तो वामपंथी जश्न मनाते हैं। येचुरी ने ट्वीट किया, “महात्मा गांधी के मारे जाने के बाद किसने जश्न मनाया था!” इसके बाद उन्होंने आरएसएस के तत्कालीन सरसंघचालक एम.एस.गोलवलकर से तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री द्वारा कही गई बात को उद्धृत किया, “गांधी जी की मौत पर आरएसएस के लोगों ने खुशियां मनाईं और मिठाइयां बाटीं।”

येचुरी की यह टिप्पणी आरएसएस से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) द्वारा रामजस कॉलेज में एक संगोष्ठी का आयोजन रद्द करवाने तथा उसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों, शिक्षकों तथा पत्रकारों पर कथित तौर पर हमले करने के बाद आई है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में बीते बुधवार को एबीवीपी और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई थी। इस घटना के एक दिन पहले ही एबीवीपी ने रामजस कॉलेज में आयोजित उस संगोष्ठी को जबरन रद्द करा दिया था, जिसमें जेएनयू के छात्र उमर खालिद को आमंत्रित किया गया था।

माकपा नेता ने दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा गुरमेहर कौर का संदर्भ देते हुए कहा, “कानून का शासन सुनिश्चित करने के लिए मंत्री संविधान की सौगंध लेने के बाद काम करते हैं, लेकिन मौजूदा स्थिति में उन्होंने 20 साल की एक लड़की को धमकी दी और उसका अपमान किया है।” येचुरी ने कहा, “संघ परिवार को अपने तर्क में विश्वास नहीं है, उसके द्वारा हिंसा की धमकी विचारों के खिलाफ केवल एक हथियार है।” उन्होंने कहा, “वे (आरएसएस) अपने प्रतिगामी विचारों को आपके पहनावे, भोजन, देखने, करने और आपके जीवन जीने की शैली पर थोपना चाहते हैं।”

गोरक्षक समूहों पर क्यों प्रतिबंंध नहीं लगा रही सरकार: सीताराम येचुरी

वामपंथी दलों और दलित संगठनों के नेताओं ने शुक्रवार (16 सितंबर, 2016) को राजग सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कथित गोरक्षकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया और दावा किया कि समुदाय के सदस्यों के खिलाफ अत्याचार के मामले बढ़ रहे हैं। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और अन्य नेताओं ने यहां एक रैली में सरकार पर देश के सामाजिक तानेबाने को नष्ट करने का आरोप लगाया और दलितों के खिलाफ अत्याचार की घटनाओं को लेकर व्यापक प्रदर्शन शुरू करने की चेतावनी दी। येचुरी ने रैली में कहा-प्रदर्शन सरकार को यह बताने के लिए है कि दलितों के खिलाफ गोरक्षा के नाम पर तेजी से अत्याचार के मामले बढ़े हैं। ऐसे मामलों के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा-आप इन गोरक्षक समूहों पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगा रहे? आप दलितों को संविधान के मुताबिक मिला समानता का अधिकार क्यों नहीं दे रहे? मोदी के ‘मुझे मारो, लेकिन दलितों को नहीं मारो’ संबंधी बयान का जिक्र करते हुए येचुरी ने कहा कि केवल बयान देने से कुछ नहीं होगा। इसके बजाय प्रधानमंत्री को घोषित करना चाहिए कि अगर दलितों पर हमले होते हैं तो देश का कानून काम करेगा। लेकिन उन्होंने अभी तक आश्वासन नहीं दिया है।