सीपीएम नेता सीताराम येचुरी का 72 साल की उम्र में निधन हो गया है। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे और दिल्ली के एम्स में इलाज करा रहे थे। लंबे वक़्त वाम पार्टी की सियासत को लेकर सुर्खियों में रहे सीताराम येचुरी को बेबाक अंदाज़ और सियासत के लिए जाना जाता था। वह 2015 में प्रकाश करात के बाद सीपीएम के महासचिव बने थे। 1952 में चेन्नई में जन्में येचुरी ने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी। येचुरी 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) में शामिल हुए थे और अगले ही साल CPM के सदस्य बन गए, आपातकाल के दौरान उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया था।
बेटे का 2021 में हुआ था निधन
सीताराम येचुरी ने पहली शादी इंद्राणी मजूमदार से की थी, उनके दो बच्चे हुए, एक बेटा और बेटी। उनकी दूसरी शादी पत्रकार सीमा चिश्ती से हुई। उनके बेटे आशीष येचुरी का 35 साल की उम्र में कोरोना के चलते 2021 में निधन हो गया था। बेटी अखिला येचुरी एक प्रोफेसर हैं। अब उनके परिवार में उनकी पत्नी सीमा चिश्ती (द वायर की संपादक) उनकी बेटी अखिला और बेटा दानिश हैं।
एक मिलनसार इंसान : सीताराम येचुरी
सीताराम येचुरी एक मिलनसार और हास्य-व्यंग्य से भरे इंसान थे। उनकी राजनीति को पार्टी लाइन से परे दोस्त बनाने की खासियत से काफी फायदा हासिल हुआ। वह ऐसे सीपीआई(एम) नेताओं में से एक थे जिनसे भाजपा के नेता भी बात कर सकते थे। 2022 में एक सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीताराम येचुरी की एक साथ हंसते हुए तस्वीर वायरल हुई थी।
वह लगातार अपनी पार्टी को आगे ले जाने और अलग-अलग मुद्दों पर संघर्ष करते रहे। लेकिन पार्टी का राजनीतिक ग्राफ गिरता रहा। सीपीएम के पास अब लोकसभा में चार सीटें हैं, जिसका वोट शेयर 1.76% है। उनकी स्कूली पढ़ाई हैदराबाद में हुई थी। 1969 में वह दिल्ली चले आए। पहले दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र की पढ़ाई की फिर आगे की पढ़ाई के लिए जेएनयू का हिस्सा बन गए।