Karnataka Congress Politics: कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने राज्य में सत्ता परिवर्तन के बारे में बयान देने वाले कांग्रेस नेताओं को चेतावनी दी है। शिवकुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस नेता किसी भी तरह की बयानबाजी से बचें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और हम साथ मिलकर काम कर रहे हैं। डीके शिवकुमार का यह बयान पार्टी के एक विधायक द्वारा मुख्यमंत्री के रूप में उनका समर्थन करने के बाद आया है।
डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने इस तरह की चर्चाओं को अनावश्यक बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चा करने की कोई जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और हम साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हम आलाकमान के दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं।
डीके शिवकुमार आगे कहा कि उन्होंने कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के कार्यकारी अध्यक्ष जीसी चंद्रशेखर को इस मुद्दे पर बोलने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, उन्होंने कहा कि हमें भाजपा की बातों पर प्रतिक्रिया देने की ज़रूरत नहीं है। उन्हें जो कहना है कहने दीजिए। मैंने अपने कार्यकारी अध्यक्ष जीसी चंद्रशेखर को उन्हें नोटिस देने का निर्देश दिया है। शिवकुमार ने कहा कि किसी को भी मुख्यमंत्री पद से संबंधित कोई बात नहीं कहनी चाहिए।
कुनिगल से कांग्रेस विधायक एचडी रंगनाथ ने बुधवार को कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि उनके “राजनीतिक गुरु” डीके शिवकुमार एक दिन मुख्यमंत्री बनेंगे। उन्हें “उभरता सितारा” और “अखिल भारतीय नेता” बताते हुए, रंगनाथ ने 2023 में कांग्रेस की विधानसभा जीत का श्रेय शिवकुमार को दिया।
कांग्रेस विधायक एचडी रंगनाथ कहा कि डीके शिवकुनार कांग्रेस पार्टी के लिए चुनावों में बहुत अच्छे परिणाम लाए। मैंने किसी अन्य नेता को पार्टी के प्रति इस तरह की प्रतिबद्धता को नहीं देखा। रंगनाथ ने कहा कि शिनकुमार हमेशा कांग्रेस पार्टी के साथ खड़े रहे हैं।
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एचडी रंगनाथ के बयान के बाद तुरंत बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी सीएम के पद पर खूंटा गाड़ने का ऐलान किया है। सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि वह अपना पूरा पांच साल का कार्यकाल मुख्यमंत्री के रूप में पूरा करेंगे।
पिछले साल विधानसभा चुनाव में जीत के बाद पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के साथ कई दौर की चर्चा के बाद सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री चुना गया था। उस समय, शिवकुमार के साथ बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद की व्यवस्था की खबरें थीं। हालांकि कांग्रेस आलाकमान ने इसकी कभी पुष्टि नहीं की। हाल के महीनों में सिद्धारमैया और वरिष्ठ नेताओं ने कहा है कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ है, जबकि मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे।
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