भाजपा उपाध्यक्ष उमा भारती राम जन्मभूमि आंदोलन के सबसे अग्रणी नेताओं में से एक रही हैं। उन्होंने कहा है कि ओबीसी समुदाय के किसी व्यक्ति को नए गठित राम मंदिर ट्रस्ट में होना चाहिए था। राम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व करने वाले ओबीसी को ट्रस्ट नहीं रखना गलत है।

भोपाल से द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, भारती ने कहा कि कल्याण सिंह से शुरू होकर विनय कटियार और खुद, राम जन्मभूमि आंदोलन का नेतृत्व ओबीसी समुदाय के लोगों ने किया। लेकिन जब सरकार ने ट्रस्ट में किसी राजनेता को शामिल नहीं करने का फैसला किया तो राजनीति से बाहर के कुछ ओबीसी सदस्य को शामिल किया जाना चाहिए था।

उन्होंने कहा, “सरकार ने दलित समुदाय से कामेश्वर चौपाल को नामित किया है … अच्छा होता अगर ओबीसी समुदाय का एक व्यक्ति भी इसमें (ट्रस्ट) शामिल होता … राम मंदिर आंदोलन सभी हिंदुओं द्वारा किया गया था, लेकिन इसका नेतृत्व ओबीसी के हाथों में था।”

भारती ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से ठीक तीन दिन पहले ट्रस्ट के गठन की घोषणा का चुनावों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, “इसका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। उत्तर प्रदेश में 1993 के विधानसभा चुनावों में भी (बाबरी मस्जिद) के विध्वंस के बाद भाजपा नहीं जीत पाई थी। हिंदू मंदिर के मुद्दे को धार्मिक रूप से देखते हैं, लेकिन जब वे भाजपा के बारे में सोचते हैं, तो वे धार्मिक नहीं, बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण रखते हैं।”

उन्होंने कहा कि राम मंदिर के पूरा होने के बाद अगला कदम ‘राम राज्य’ की दिशा में काम करना होगा। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी “निरंतर” काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “राम मंदिर रीढ़ (स्वाभिमान) के लिए संघर्ष था, राम राज्य पेट के लिए संघर्ष होगा। देश भाग्यशाली है कि मोदी प्रधानमंत्री हैं, जो हमें उस ओर ले जाने की पूरी क्षमता रखते हैं।”

भारती ने यह भी कहा कि राम मंदिर का निर्माण हिंदू-मुस्लिम विभाजन को समाप्त करेगा। यह वो मुद्दा है जो “आजादी से पहले ब्रिटिशों द्वारा तैयार किया गया था और कांग्रेस द्वारा जारी रखा गया” था।