Shraddha Murder Case Update: श्रद्धा वालकर हत्याकांड में मुख्य आरोपी आफताब पूनावाला (Aftab Poonawala) अभी तिहाड़ जेल (Tihar jail) में बंद है। इस बीच श्रद्धा के पिता विकास वालकर (Vikas Walkar) ने एक निजी न्यूज चैनल को इंटरव्यू दिया है। जिसमें उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि देश में कानून बने कि बच्चे मनमानी न कर सकें।
Shraddha Murder News- क्या विकास वालकर ने:
बता दें कि विकास वालकर ने 22 दिसंबर को निजी न्यूज चैनल आजतक पर कहा कि अगर वो श्रद्धा के साथ होते तो शायद ऐसा न होता। वहीं एंकर ने उनसे सवाल किया, “कभी आपको इस बात का दुख नहीं हुआ कि श्रद्धा आपको छोड़कर चली गई और आफताब के साथ रहने लगी। आप उससे नाराज थे?”
एंकर के इस सवाल पर विकास वालकर ने कहा, “मैं बिल्कुल नाराज था। मैं इस बात को बर्दाश्त नहीं कर पाया कि मैंने अपनी बेटी को इतने प्यार से बचपन से बड़ा किया और 22-23 साल के बाद इस तरह से वो घर छोड़कर चली गई। मुझे तो दुख हो रहा है कि आज मैं अगर उसके साथ होता तो शायद उसका कुछ भला कर सकता था। लेकिन आज मैं यह नहीं कर सकता।”
आगे एंकर ने सवाल किया, “हर बेटी के लिए पिता एक हीरो की तरह होता है, उसे लगता है कि वो उसे हर मुसीबत से बचा लेगा। क्या आपको लगता है कि आप उस ड्यूटी को निभाने में फेल हुए?
इसपर श्रद्धा वालकर के पिता ने कहा, “जी हां, वो मेरे साथ अभी नहीं है, मुझे लग रहा है कि शायद उसके लिए मुझे जो करना चाहिए था, वो मैं नहीं कर पाया।”
“देश में कानून बनें कि बच्चे मनमानी न करें”:
विकास वालकर ने कहा, “हर मां-बाप का कर्तव्य होता है कि अपने बच्चों को सही ढंग से पढ़ाएं, जिससे वो समझ सकें कि हमें आगे कैसे जीना है। श्रद्धा के साथ हुई घटना से लोगों को सबक लेनी चाहिए, और हर मां-बाप को जागरूक होना चाहिए।”
बच्चों के बालिग होने पर मनमुताबिक फैसले लेने को लेकर विकास वालकर ने कहा, “मुझे हैरानी थी, जब श्रद्धा ने मुझसे कहा कि मैं 25 साल की हूं और मैं कुछ भी कर सकती हूं। मुझे लगता है कि देश में ऐसा कानून होना चाहिए कि बच्चों पर अंकुश रखा जा सके। क्योंकि ऐसा नहीं होना चाहिए कि वो कुछ भी फैसले ले सकें।”
आफताब ने वापस ली जमानत याचिका:
बता दें कि तिहाड़ जेल में बंद आफताब पूनावाला ने दिल्ली के साकेत कोर्ट में दायर अपनी जमानत याचिका को वापस ले लिया। वहीं 17 दिसंबर को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने आफताब की जमानत याचिका को लेकर कहा कि ‘वकालतनामा’ पर आफताब के हस्ताक्षर तो हुए, लेकिन आफताब को जमानत अर्जी दाखिल करने के बारे में जानकारी नहीं थी।
शव के 35 टुकड़े कर जंगलों में फेंका:
पुलिस की पूछताछ में आफताब ने बताया कि उसने श्रद्धा के शव को ठिकाने लगाने और सबूत मिटाने के लिए उसके 35 टुकड़े किए थे। उसके बाद उसे अलग-अलग दिन महरौली के जंगल में अलग-अलग दिन फेंका था।