नए कृषि कानूनों को लेकर हजारों किसानों द्वारा दिल्ली की सीमाओं के पास विरोध शुरू करने के एक महीने बाद पड़ोसी राज्य हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा-जेजेपी गठबंधन को नगर निगम चुनावों में बड़ा झटका लगा है। सत्तारूढ़ गठबंधन राज्य के चुनाव के एक साल बाद सोनीपत और अंबाला में मेयर चुनाव हार गया है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी अपने घर- हिसार के उकलाना, और रेवाड़ी के धारूहेड़ा में स्थानीय चुनाव हार गई।
अंबाला, पंचकुला, सोनीपत, रेवाड़ी के धारूहेड़ा, रोहतक के सांपला और हिसार के उकलाना में रविवार को नगर निकाय चुनाव हुए थे। वोटों की गिनती बुधवार सुबह 8 बजे शुरू हुई। सोनीपत में कांग्रेस ने लगभग 14,000 मतों के अंतर से जीत दर्ज की और पार्टी के निखिल मदान सोनीपत के पहले मेयर होंगे। सोनीपत सिंघू बार्डर के नजदीक है। किसानों के आंदोलन का यह मुख्य क्षेत्र है। यहां कांग्रेस को 72,111 मत मिले, वहीं भाजपा को 58,300 मत ही मिल सका।
अंबाला में हरियाणा जनचेतना पार्टी की शक्ति रानी शर्मा ने 8,000 से अधिक वोटों से जीत दर्ज की। वह पूर्व कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एचजेपी प्रमुख विनोद शर्मा की पत्नी हैं। जेसिका लाल मर्डर केस में उनका बेटा मनु शर्मा दोषी ठहराया गया था।
पंचकूला में भाजपा के कुलभूषण गोयल चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने कांग्रेस की उपिंदर आहलूवालिया को पराजित किया है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत आधार वाली सहयोगी जेजेपी रेवाड़ी और हिसार के उकलाना के धारूहेरा में चुनाव हार गई है।
रेवाड़ी नगर परिषद चुनाव में भाजपा ने जीत हासिल की। वहीं सांपला, धारूहेरा और उकलाना नगर पालिका में निर्दलियों ने जीत दर्ज की है। इस बार मेयर, नगर परिषद और नगरपालिका अध्यक्ष के लिए सीधे चुनाव हुआ है।