पीएम मोदी की डिग्री के मामले को लेकर दायर किए गए मानहानि के केस में अरविंद केजरीवाल और उनके सांसद संजय सिंह को करारा झटका लगा है। गुजरात हाईकोर्ट ने मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रहे मामले पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट का कहना है कि मामला गंभीर है और इस समय उसमें स्टे देना कानूनन ठीक नहीं होगा, क्योंकि फिलहाल कोर्ट केस की सुनवाई करने जा रही है।

जस्टिस समीर दवे ने कहा कि केजरीवाल और संजय सिंह ने पहले सेशन कोर्ट को आश्वासन दिया था कि वो अपने बयान दर्ज कराने के लिए मेट्रोपॉलिटन अदालत के समक्ष उपस्थित रहेंगे। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाने की आप नेताओं की याचिका खारिज कर दी। अदालत ने गुजरात विश्वविद्यालय को अपना जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया।

जस्टिस दवे ने कहा- आप अदालत में पेश होने से बच रहे हैं

जस्टिस दवे ने पूछा कि आप नेता कब पेश हो रहे हैं। आपने आश्वासन दिया था कि आप 11 अगस्त को उपस्थित रहेंगे। ऐसे में आपको उपस्थित रहना होगा। दवे ने कहा कि ऐसा लगता है कि आप अदालत में पेश होने से बच रहे हैं। यह उचित नहीं है।

केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मिहिर जोशी ने कहा कि मजिस्ट्रेट का आदेश गलत था। उन्होंने कहा कि मानहानि के इस मामले में व्यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने अदालत से कहा कि मेट्रोपॉलिटन अदालत ने दो बार व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दी थी। गुजरात विश्वविद्यालय की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मितेश अमीन ने कहा कि केजरीवाल और संजय सिंह ने पहले मजिस्ट्रेट को शपथपत्र दिया था कि वो 11 अगस्त को उपस्थित रहेंगे। अमीन ने कहा कि उस हलफनामे का सम्मान किया जाना चाहिए।

मेट्रोपॉलिटन अदालत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और आप के राज्यसभा सदस्य सिंह को मानहानि मामले में 11 अगस्त को तलब किया था। आप के दोनों नेताओं ने मेट्रोपॉलिटन अदालत के समन को चुनौती देते हुए सत्र अदालत में एक रिव्यू पटीशन दायर की थी। अदालत ने उनकी याचिका सात अगस्त को खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने गुजरात उच्च न्यायालय का रुख किया था।