Maharashtra Politics: मंगलवार 13 जून 2023… मुंबई के ज्यादातर अखबारों में शिवेसना की तरफ से एक विज्ञापन प्रकाशित करवाया गया। यह विज्ञापन इस समय पूरे महाराष्ट्र में चर्चाओं का विषय बना हुआ है। इस विज्ञापन में एक सर्वे का हवाला देते हुए एकनाथ शिंदे की पार्टी द्वारा यह दावा किया गया कि राज्य में ज्यादा लोग उनके नेता को बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस के मुकाबले राज्य का सीएम देखना चाहते हैं।
शिवसेना की तरफ से महाराष्ट्र के अखबारों में दिए गए इस विज्ञापन को टाइटल दिया गया ‘भारत के लिए मोदी, महाराष्ट्र के लिए शिंदे’। शिवसेना के इस विज्ञापन में गौर करने वाली बात यह है कि इसमें पार्टी के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे की तस्वीर नहीं है।
विज्ञापन में कहा गया है कि राज्य के 26.1% लोग एकनाथ शिंदे को सीएम देखना चाहते हैं जबकि 23.2 फीसदी लोग देवेंद्र फडणवीस को अगला सीएम बनते देखना चाहते हैं। विज्ञापन में कहा गया कि यह दर्शाता है कि महाराष्ट्र में 49.3 प्रतिशत लोग अपने राज्य के नेतृत्व के लिए भाजपा और शिवसेना के बीच एक मजबूत गठबंधन देखना चाहते हैं।
विज्ञापन पर क्या बोली बीजेपी? – बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने विज्ञापन को लेकर मीडिया के सवाल पर कहा कि हमेशा चुनाव परिणाम ही यह दर्शाता है कि कौन सा नेता या पार्टी वोटर्स को ज्यादा पसंद हैं। कैबिनेट मंत्री के रूप में शिंदे पहले लोकप्रिय थे और अब मुख्यमंत्री के रूप में उनकी स्वीकार्यता बढ़ी है। महाराष्ट्र के लोगों को देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और पीएम नरेंद्र मोदी से काफी उम्मीदें हैं।
उन्होंने आगे कहा कि स्टेट लेवेल पर महाराष्ट्र के लोगों ने फडणवीस को दो बार प्राथमिकता दी है। बीजेपी और शिवसेना के बीच कोई तुलना नहीं है, कौन सी पार्टी बड़ी है और कौन सी छोटी।
क्या बोले विपक्षी दल?
इस सर्वे को जहां कांग्रेस ने फर्जी करार दिया। महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता अतुल ने कहा कि यह के फर्जी सर्वे है जिसे शिंदे ने खुद को प्रमोट करने के लिए इस्तेमाल किया है। उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने विज्ञापन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह मोदी-शाह की शिवसेना है।
NCP के नेता अजीत पवार ने कहा कि अपने सियासी करियर में मैंने कभी भी ऐसा विज्ञापन नहीं देखा। विज्ञापन में पीएम और सीएम की तस्वीर तो थी लेकिन बाला साहेब गायब थे। वो खुद को बालासाहेब ठाकरे का सिपाही बताते हैं लेकिन विज्ञापन से बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे की तस्वीरें गायब हैं।
विज्ञापन की टाइमिंग बेहद अहम
इंडियन एक्सप्रेस में छपी Vallabh Ozarkar की रिपोर्ट के अनुसार, यह विज्ञापन ऐसे समय में पब्लिश हुआ है जब दोनों दलों के बीच सीटों को लेकर बातचीत शुरू होनी है। एक तरफ जहां बीजेपी इस विज्ञापन को ज्यादा तरजीह नहीं दे रही है लेकिन इसकी टाइमिंग चर्चाओं की बड़ी वजह वजह बताई जा रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, यह सारा विवाद एकनाथ शिंदे के सियासी क्षेत्र ठाणे को लेकर कहा है। फडणवीस के खास और PWD मिनिस्टर रविंद्र चव्हाण ने पिछले हफ्ते कहा था कि पार्टी को कल्याण लोकसभा क्लेम करने का पूरा हक है। यह वही सीट है, जहां से एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत दो बार से सांसद हैं। रविंद्र चव्हाण ठाणे में बीजेपी के लोकसभा चुनाव तैयारियों का काम देख रहे हैं। वह ठाणे के इंचार्ज हैं। उन्होंने कहा कि इस सीट पर प्रत्याशी का नाम बीजेपी कैडर की तरफ से तय किया जाएगा। रविवार को बीजेपी के विधायक संजय केलकर ने इस विवाद में उस समय घी डाल दिया, जब उन्होंने कहा कि पूरा ठाणे जिला बीजेपी का है। वर्तमान में ठाणे लोकसभा के सांसद राजन विचारे उद्धव गुट के साथ हैं।
बीजेपी नेताओं की मानें तो साल 2014 और साल 2019 में कई नेता पीएम मोदी की वजह से चुने गए और अब वो इन सीटों पर अपना दावा जता रहे हैं। बीजेपी नेताओं का मानना है कि बीजेपी के बिना ठाणे में किसी का भी जितना तय नहीं है। इसलिए बीजेपी के नेता कल्याण, ठाणे और पालघर पर दावा ठोक रहे हैं। शिवसेना ने साल 2019 में पालघर में भी जीत दर्ज की थी।