मध्य प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर एक और विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार, उन्होंने कोरोना महामारी को रोकन के लिए एक यज्ञ करने की ज़रूर बताई है। मंत्री ने कहा कि प्राचीन समय से चली आ रही हमारी प्रथा के अनुसार हमारे पर्यावरण को शुद्ध करने के लिए यज्ञ की जरूरत है। जो कि कोरोना की तीसरी लहर को रोके रखने में मददगार साबित होगा।

इससे पहले 11 अप्रैल को, ठाकुर ने इंदौर हवाई अड्डे पर देवी अहिल्याबाई होल्कर की मूर्ति के सामने बिना मास्क के पूजा-अर्चना की। उस समय उनके साथ हवाईअड्डा प्राधिकरण के अधिकारी भी मौजूद थे। मंत्री ने बताया कि महामारी से बचने के लिए उन्होंने यह पूजा की थी। इस बार, मंत्री ने सभी को यज्ञ में भाग लेने के लिए कहा। मंत्री ने कहा कि तीन दिनों के यज्ञ में पर्यावरण को शुद्ध करने और वायरस को दूर रखने के लिए हिस्सा लें। नेता ने कहा, “हम सब आहुतियां डालें और पर्यावरण को शुद्ध करें, क्योंकि महामारी के नाश के लिए अनादिकाल से यज्ञ की पावन परम्परा है। ये यज्ञ चिकित्सा है, धर्मांधता नहीं है, कर्मकांड नहीं है। पर्यावरण को शुद्ध करने के लिए आओ हम सब यज्ञ में आहूति डालें और यज्ञ शुरू करें।’ नेता ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर हिंदुस्तान को छू भी नहीं पाएगी।

ठाकुर ने इंदौर में एक कोविड केयर केंद्र का उद्घाटन करते हुए ये बात कही थी। ठाकुर, जो अक्सर बिना मास्क देखी गई हैं, ने कहा कि वायरस उनकी वैदिक जीवन शैली के कारण उन पर हमला नहीं करेगा क्योंकि वह नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करती हैं और हवन के बाद काढ़ा भी पीती हैं। मंत्री ने यह भी दावा किया कि उपले का उपयोग करके हवन करने से एक विशेष क्षेत्र 12 घंटे तक पवित्र रहेगा।

उन्होंने कहा, “गाय के दूध से बने घी, चावल और उपले को मिलाकर सूर्यास्त और सूर्योदय के समय हवन करने से कोरोना को रोकने में मदद मिलेगी। यह कोई काल्पनिक बात नहीं है।” हालांकि मंगलवार को मंत्री ने कहा कि सरकार तीसरी लहर को रोकने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही है।