लंबे समय तक मध्य प्रदेश की कमान संभालने वाले शिवराज सिंह चौहान इस समय मोदी सरकार में कृषि मंंत्री हैं। लोगों के बीच में शिवराज सिंह चौहान की छवि भले ही एक सरल स्वभाव वाले नेता की हो लेकिन वह अपने मंत्रालय के काम को लेकर अधिकारियों की ‘क्लास’ लेने से भी नहीं चुकते।
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार देर रात करीब 10:45 बजे केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की एक ऑनलाइन मीटिंग बुलाई। इस मीटिंग का लिंक रात 10:30 बजे के आसपास शेयर किया गया और अधिकारियों को कुछ मिनट पहले ही इसकी जानकारी दी गई थी।
माना जाता है कि यह मीटिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा को लेकर थी, जिसमें शुक्रवार को दिल्ली में ‘पल्सेस मिशन’ और ‘पीएम धन-धान्य कृषि योजना’ की शुरुआत होनी है। सूत्रों के अनुसार, शिवराज सिंह चौहान ने इस मीटिंग में बुधवार को पुसा में हुए एक कार्यक्रम की व्यवस्थाओं से असंतोष भी जताया।
क्या है ‘पल्सेस मिशन’ और ‘पीएम धन-धान्य कृषि योजना’ का मकसद?
दलहन मिशन और प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना का उद्देश्य भारत को आत्मनिर्भर बनाना और आयात पर निर्भरता कम करना है। मंत्रिमंडल द्वारा पहले ही स्वीकृत ये दोनों योजनाएं आगामी रबी (शीतकालीन) मौसम से वर्ष 2030-31 तक के लिए लागू की जाएंगी।
यह भी पढ़ें: क्या बीजेपी अध्यक्ष बनने की रेस में है शिवराज सिंह चौहान का नाम? कृषि मंत्री ने दिया ये जवाब
पूसा परिसर में आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में, पीएम नरेंद्र मोदी मोदी मत्स्य पालन, पशुधन और खाद्य प्रसंस्करण सहित अन्य क्षेत्रों से संबंधित 3,681 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की भी शुरुआत करेंगे। वह किसानों से भी बातचीत करेंगे।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश ने गेहूं और चावल में आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है, लेकिन दलहन और तिलहन अब भी चिंता का विषय हैं। पीएम मोदी द्वारा शुरू किए जाने वाले ‘दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन’ का लक्ष्य फसल वर्ष 2030-31 तक दलहन उत्पादन को वर्तमान के 252.38 लाख टन से बढ़ाकर 350 लाख टन करना है।
उन्होंने कहा कि 11,440 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय वाली इस योजना का उद्देश्य किसानों को दलहन की उत्पादकता और उत्पादन बढ़ाने के लिए उच्च उपज देने वाली और रोग-प्रतिरोधी बीज किस्में वितरित करना है। पिछले पांच साल में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा विकसित नई किस्में, किसानों को वितरित की जाएंगी।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 24,000 करोड़ रुपये की ‘प्रधानमंत्री धन धान्य योजना’ 100 कम प्रदर्शन वाले कृषि जिलों में सुधार लाने के लिए शुरू की जाएगी। इस योजना का उद्देश्य उत्पादकता बढ़ाना, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना, सिंचाई और भंडारण में सुधार करना और चुनिंदा 100 जिलों में ऋण पहुंच सुनिश्चित करना है। इसका मुख्य ध्यान कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियों पर होगा।
यह योजना 11 मंत्रालयों की 36 योजनाओं का संतृप्ति-आधारित तालमेल सुनिश्चित करेगी, जिससे 1.7 करोड़ किसानों को सीधे लाभ होगा। मोदी प्रगतिशील किसानों, किसान उत्पादक संगठनों और सहकारी समितियों को भी सम्मानित करेंगे। (भाषा इनपुट के साथ)
यह भी पढ़ें: ‘मैं जनरल डिब्बे में सफर करना चाहता था, लेकिन…’, शिवराज सिंह बोले- लोगों के बीच जाकर ही तकलीफ पता चली- VIDEO