केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने के बाद पाकिस्तान घुटने टेककर हाथ जोड़कर बातचीत के लिए आया था, क्योंकि उन्हें डर था कि भारत उनके हवाई ठिकानों को ध्वस्त करने के बाद उनके परमाणु ठिकानों के करीब पहुंच जाएगा। शिवराज चौहान ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच दुश्मनी खत्म करने में किसी विदेशी देश की भूमिका के दावों को भी खारिज कर दिया।
हम दुश्मनी नहीं रखते- शिवराज
भारत ने इस साल मई में ऑपरेशन सिंदूर सैन्य अभियान शुरू किया था, जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी थी। भोपाल स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER) के 12वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए शिवराज चौहान ने कहा, “हम दुश्मनी नहीं रखते। आपने ऑपरेशन सिंदूर देखा होगा। वे राक्षस जिन्होंने निर्दोष लोगों की हत्या की, पत्नी के सामने पति और बेटे के सामने पिता।”
शिवराज चौहान ने कहा, “अगर आपको याद हो तो हमने सटीक निशाना साधा। हमने आतंकवादियों के पनाहगाह को ध्वस्त कर दिया। हमने पहले उनकी सेना या नागरिक (ठिकाने) पर हमला नहीं किया। यह भारत है।” कृषि मंत्री ने कहा कि जब पाकिस्तान ने हमले के लिए मिसाइलों और ड्रोन का इस्तेमाल किया तो भारत ने ब्रह्मोस, अग्नि और पृथ्वी (मिसाइलों) का इस्तेमाल किया और पड़ोसी देश के सभी हवाई ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया।”
पाक को था डर- चौहान
शिवराज चौहान ने कहा कि जब पाकिस्तान को लगा कि भारत उनके परमाणु अड्डे तक पहुंच जाएगा, तो वे घुटने टेककर हाथ जोड़कर बात करने आए। उन्होंने कहा, “वे कह रहे हैं ‘मैंने कर दिखाया, मैंने कर दिखाया।” शिवराज ने स्पष्ट रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बार-बार इस दावे की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्होंने दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच संघर्ष को समाप्त कर दिया है।
शिवराज चौहान ने कहा कि भारत, भारत की ताकत से चलता है। उन्होंने कहा कि हम किसी व्यक्ति पर हमला नहीं करते और हम आतंकवादियों को नहीं छोड़ते। शिवराज चौहान ने कहा कि पहलगाम हमले के पीड़ितों के परिजन चाहते थे कि आतंकवादियों के सिर में गोली मार दी जाए। उन्होंने आगे कहा कि आतंकवादियों का सफाया कर दिया गया है।
पिछले महीने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि पहलगाम हमले के पीड़ितों के परिवार और कई अन्य लोग चाहते थे कि तीनों आतंकवादियों को गोली मार दी जाए और ऑपरेशन महादेव में उनका भी यही हश्र हुआ। अमित शाह ने कहा कि ऑपरेशन महादेव में मारे गए तीनों आतंकवादियों की पहचान से स्पष्ट है कि पहलगाम हमले में लश्कर-ए-तैयबा का हाथ था क्योंकि तीनों इसी आतंकी संगठन से जुड़े थे।