कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कैलास मानसरोवर यात्रा के लिए निकल चुके हैं। लेकिन उनके यात्रा पर जाने से पहले चीन के राजदूत उन्हें एयरपोर्ट पर सी ऑफ करना चाहते थे। सरकार से उसके लिए अनुमति भी मांगी गई थी। सूत्रों की मानें तो भारत स्थित चीनी दूतावास ने विदेश मंत्रालय से इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (आईजीआई) एयरपोर्ट में प्रवेश के लिए एक अस्थाई पास की मांग की थी। यह एंट्री पास चीनी दूतावास के काउंसलर जाऊ युयून के लिए मांगा गया था। वजह- युयून, राहुल के कैलाश यात्रा पर जाने से पहले यहां उन्हें सी ऑफ करना चाहते थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राहुल जब यात्रा के लिए रवाना हो रहे थे, तब मां सोनिया गांधी घर पर उपस्थित थीं। भारत से वह पहले चीन के बीजिंग शहर जाएंगे, जहां से उनका अगला पड़ाव सागा होगा। सागा में वह एक-दो दिन रुकेंगे। फिर वह मानसरोवर यात्रा के लिए आगे बढ़ेंगे।
आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष की यह यात्रा 10 से 12 दिनों तक की हो सकती है। वह चीन के रास्ते यह यात्रा करेंगे। बुधवार (29 अगस्त) को पार्टी सूत्रों ने इस बारे में जानकारी दी थी। राहुल इससे काफी पहले ही इस यात्रा को लेकर इच्छा जता चुके थे। राहुल ने यह फैसला कर्नाटक चुनाव प्रचार अभियान के दौरान एक विमान दुर्घटना में बाल-बाल बचने के बाद लिया था।
उन्होंने तब कहा था, “मैं यह यात्रा बाबा शिव को धन्यवाद देने के लिए करूंगा।” कांग्रेस अध्यक्ष इसके अलावा खुद को कई मौकों पर शिवभक्त और जनेऊधारी भी बता चुके हैं। कैलास पर्वत, चीन के स्वायत क्षेत्र तिब्बत में स्थित है। हिंदू धर्म में इसे भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है।
किस हादसे में बाल-बाल बचे थे राहुल?: कांग्रेस अध्यक्ष तब चुनाव प्रचार के लिए कर्नाटक जा रहे थे। 10 सीटर डैसॉल्ट फैल्कन 2000 विमान का रडार कुछ देर के लिए अचानक गायब हो गया था। रैली में राहुल ने उसी पल के बारे में जिक्र करते हुए बताया था, “विमान में गड़बड़ी के दौरान मुझे लगा था कि अब हम लोग बचेंगे नहीं। लेकिन हम बच गए, जिसके बाद मैंने कैलाश मानसरोवर जाने का फैसला किया।”