Maharashtra News Update: महाराष्ट्र में शिवसेना के दोनों धड़े जुबानी जंग में एक बार फिर आमने-सामने दिखाई दे रहे हैं। शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेस कर कहा कि 20 जून (आज) को ‘गद्दार दिवस’ बनाम ‘स्वाभिमान दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। पिछले साल इसी दिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बगावत का झंडा बुलंद किया था जिससे शिवसेना में फूट पड़ी और 40 बागियों ने ठाकरे का साथ छोड़ दिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे। शिवसेना (यूबीटी) की सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले की मौजूदगी में विरोध प्रदर्शन किया।
दूसरी तरफ सीएम एकनाथ शिंदे ने जहां सोमवार को उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा, वहीं मंगलवार को भाजपा के कुछ नेता शिवसेना पर बरस पड़े। भाजपा विधायक नितेश राणे ने कहा कि 27 जुलाई उद्धव ठाकरे का जन्मदिन है, इसे हमें ‘अंतर्राष्ट्रीय गद्दार दिवस’ के तौर पर मानना चाहिए क्योंकि उनसे बड़ी गद्दारी किसी ने नहीं की है।
इससे पहले शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत द्वारा संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस को अपना पत्र ट्वीट किए जाने के बाद मामला और ज़्यादा बढ़ गया, जिसमें उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से 20 जून को ‘विश्व गद्दार दिवस’ घोषित करने के लिए कहा था।
सीएम शिंदे ने क्या कहा?
सोमवार को सीएम शिंदे ने कहा कि पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने के लिए पार्टी संस्थापक बाल ठाकरे की विचारधारा को त्याग दिया है। पार्टी के 57वें स्थापना दिवस के अवसर पर मुंबई के गोरेगांव में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए शिंदे ने शिवसेना (यूबीटी) गुट के प्रमुख उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला किया और कहा कि मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए बाल ठाकरे की विचारधारा से समझौता किया गया था।
बाल ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना, 19 जून, 1966 को अस्तित्व में आई थी। शिंदे और पार्टी के 39 अन्य विधायकों के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत करने और शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की एमवीए गठबंधन सरकार को गिराने के बाद पिछले साल जून में शिवसेना दो हिस्सों में बंट गयी थी।