पुडुचेरी में सरकार नहीं बचा पाने वाली कांग्रेस पार्टी पर उसके सहयोगी दल शिवसेना ने हमला बोला है। महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी की सहयोग से सरकार चलाने वाली शिवसेना ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी अपनी ज़मीन खो रही है। शिवसेना ने सामना में लिखा कि पुडुचेरी केंद्र शासित और छोटा राज्य है। 30 निर्वाचित और 3 मनोनीत विधायकों को मिलाकर कुल 33 विधायकों की विधानसभा है। लेकिन बीजेपी ने ये छोटा राज्य भी कांग्रेस से खींच लिया।

शिवसेना की तरफ से कहा गया है कि नारायण सामी की सरकार को समर्थन देनेवाले पांच विधायकों द्वारा मेंढ़कों की तरह कूदने के कारण सामी की सरकार अल्पमत में आ गयी। पांच विधायकों ने साढ़े चार साल तक कांग्रेस की सरकार को समर्थन किया। लेकिन अब ये विधायक कमल फूल के भंवरे बन गए हैं। सामना में लिखा गया है कि पिछले साल मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस अपनी सरकार नहीं बचा पायी थी।

‘दिल्ली बहुत दूर है’ उसी प्रकार ‘महाराष्ट्र तो बहुत ही दूर है।’: शिवसेना ने कहा है कि जब मध्यप्रदेश की सरकार गिराई गयी थी तब भी कहा गया था कि अगला वार महाराष्ट्र पर, उसके बाद कहा गया कि बिहार का परिणाम आने दो, फिर देखो महाराष्ट्र में कैसे परिवर्तन लाते हैं। अब पुडुचेरी की बात शुरू की गयी है। लेकिन जैसे ‘दिल्ली बहुत दूर है’ उसी प्रकार ‘महाराष्ट्र तो बहुत ही दूर है।

राज्यपाल का हुआ गलत इस्तेमाल: शिवसेना की तरफ से कहा गया है कि राज्यपाल महाराष्ट्र के हों या पुडुचेरी के, उन्हें दिल्ली का आदेश मानते हुए ही उठा-पटक करनी पड़ती है। राज्यपाल का उपयोग भोजन की थाली के कढ़ी पत्ते जैसा किया जाता है।

शिवसेना ने कहा बीजेपी घमंड में चूर है: मुखपत्र में लिखा गया है कि विधानसभा चुनाव में लगभग चार महीने हैं। लेकिन वहां कि सरकार को हटा दिया गया। यह बीजेपी का दंभ है। झारखंड में भी सरकार को अस्थिर किया जा रहा है। इसके लिए सीएम हेमंत सोरेन के पीछे केंद्रीय जांच एजेंसी को लगा दिया गया है। यह माहौल लोकतंत्र के लिए सही नहीं है।